Advertisement

इस लिमिट से ज्यादा कैश में किया लेनदेन, इनकम टैक्स विभाग तुंरत भेज देगा नोटिस Income Tax Rule

By Meera Sharma

Published On:

Income Tax Rule

Income Tax Rule: आज का युग डिजिटल भुगतान का है, जहां लोग मोबाइल फोन और इंटरनेट के माध्यम से अपने लेनदेन को आसानी से पूरा कर रहे हैं। फिर भी, हमारे देश में अभी भी बड़ी संख्या में लोग कैश में लेनदेन करना पसंद करते हैं। सरकार लगातार इस प्रयास में है कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जाए और कैश लेनदेन को कम किया जाए। इसी के चलते आयकर विभाग ने कैश में लेनदेन करने की कुछ सीमाएं निर्धारित की हैं, जिनका पालन हर नागरिक के लिए अनिवार्य है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर आयकर विभाग तुरंत नोटिस भेज सकता है और जुर्माना भी लगा सकता है।

एक दिन में कितना कैश लेनदेन कर सकते हैं?

आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक दिन में अधिकतम 2 लाख रुपये तक ही कैश में लेनदेन कर सकता है। यह सीमा एक व्यक्ति से एक दिन में नकद राशि लेने या देने पर लागू होती है। अगर आप इस सीमा से अधिक कैश में लेनदेन करते हैं, तो आयकर विभाग आपको तुरंत नोटिस भेज सकता है और आप पर भारी जुर्माना लगा सकता है। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि कालेधन पर रोक लगाई जा सके और पारदर्शी वित्तीय प्रणाली को बढ़ावा दिया जा सके।

यह भी पढ़े:
8th CPC न्यूनतम बेसिक सैलरी में इतने % वृद्धि का हुआ ऐलान 8th CPC

कहां लागू नहीं होता है 2 लाख की सीमा का नियम?

हालांकि, 2 लाख रुपये की यह सीमा बैंकों और डाकघरों से निकासी पर लागू नहीं होती है। आप अपने बैंक खाते या डाकघर से 2 लाख रुपये से अधिक की राशि भी निकाल सकते हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य सरकारी संस्थाओं पर भी यह नियम लागू नहीं होता है। लेकिन यह ध्यान रखें कि इन संस्थाओं से निकाली गई राशि का अगर आप किसी अन्य व्यक्ति को 2 लाख रुपये से अधिक कैश में भुगतान करते हैं, तो यह नियम फिर से लागू हो जाएगा और आप कानून के दायरे में आ जाएंगे।

कैश लेनदेन पर इनकम टैक्स कानून की धाराएं

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission HRA में बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा लाभ 8th Pay Commission

आयकर कानून में कई धाराएं हैं जो कैश लेनदेन से संबंधित हैं। धारा 40A(3) और 43 कैश में भुगतान करने से जुड़े मामलों में लागू होती हैं। इन धाराओं के अनुसार, अगर कोई व्यापारी या पेशेवर 10,000 रुपये से अधिक का भुगतान कैश में करता है, तो उस राशि को व्यापारिक खर्च के रूप में नहीं माना जाएगा और उस पर टैक्स देना होगा। वहीं धारा 269SS और 269ST नकद रुपये लेने से जुड़े मामलों में लागू होती हैं और 2 लाख रुपये से अधिक के कैश लेनदेन पर प्रतिबंध लगाती हैं।

धारा 269T का महत्व

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269T लोन या फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) राशि के कैश भुगतान से संबंधित है। इस धारा के अनुसार, बैंक या वित्तीय संस्थान 20,000 रुपये से अधिक का लोन या एफडी का भुगतान कैश में नहीं कर सकते हैं। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि बड़े पैमाने पर होने वाले कैश लेनदेन पर नज़र रखी जा सके और कर चोरी को रोका जा सके। यह धारा बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ उनके ग्राहकों पर भी लागू होती है।

यह भी पढ़े:
DA Arrears News 18 महीने के बकाया डीए को लेकर सरकार ने किया ऐलान DA Arrears News

कैश लेनदेन के नियम तोड़ने पर जुर्माना

अगर आप 2 लाख रुपये से अधिक का कैश लेनदेन करते हैं, तो आप पर इनकम टैक्स विभाग द्वारा भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। धारा 271D के अनुसार, नियम के उल्लंघन पर प्राप्त की गई राशि के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी तरह, धारा 271E के अनुसार, अगर कोई बैंक या वित्तीय संस्थान 20,000 रुपये से अधिक का लोन या एफडी का भुगतान कैश में करता है, तो उस पर भी भुगतान की गई राशि के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है।

इनकम टैक्स नोटिस का क्या करें?

यह भी पढ़े:
DA Hike 4% डीए बढ़ने के साथ साथ, इतने % बढ़ेगी पेंशन DA Hike

अगर आप कैश लेनदेन के नियमों का उल्लंघन करते हैं और आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिलता है, तो उसका जवाब देना अनिवार्य है। नोटिस में दिए गए निर्देशों का पालन करें और अपने लेनदेन के बारे में सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत करें। अगर आप नोटिस का जवाब नहीं देते हैं या गलत जानकारी देते हैं, तो आप पर और भी अधिक जुर्माना लगाया जा सकता है और आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इसलिए, हमेशा सच्चाई के साथ जवाब दें।

अधिक राशि का लेनदेन कैसे करें?

अगर आपको 2 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करना है, तो बैंकिंग सिस्टम का उपयोग करें। इसके लिए आप NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर), RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) या UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) जैसे डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। ये तरीके न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि इनसे आपके लेनदेन का रिकॉर्ड भी बन जाता है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की जांच या पूछताछ में आपको परेशानी नहीं होगी।

यह भी पढ़े:
Monsoon Update मॉनूसन को लेकर बड़ा अपडेट, IMD ने बताया इस तारीख को करेगा एंट्री Monsoon Update

डिजिटल भुगतान के लाभ

डिजिटल भुगतान करने के कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह सुरक्षित है और आपको बड़ी मात्रा में नकदी ले जाने की आवश्यकता नहीं होती। दूसरा, इससे आपके लेनदेन का पूरा रिकॉर्ड रहता है, जिससे भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न होने पर आप अपनी बात साबित कर सकते हैं। तीसरा, डिजिटल भुगतान से लेनदेन में पारदर्शिता आती है और कर चोरी की संभावना कम होती है। इसके अलावा, सरकार भी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रोत्साहन और छूट प्रदान करती है।

कैश लेनदेन के नियमों का महत्व

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission Updates आ गई रिपोर्ट, कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में इतना होगा इजाफा 8th Pay Commission Updates

कैश लेनदेन पर नियंत्रण रखने से कालेधन और कर चोरी पर रोक लगती है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी नागरिक अपने आय के अनुसार कर का भुगतान करें और देश के विकास में योगदान दें। कैश लेनदेन पर सीमा लगाकर, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि बड़े लेनदेन पारदर्शी तरीके से हों और उनका उचित रिकॉर्ड रखा जाए। इससे न केवल सरकार की कर संग्रह क्षमता बढ़ती है, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी पारदर्शिता और विश्वास बढ़ता है।

सावधानियां और सलाह

कैश लेनदेन करते समय कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। पहली बात, हमेशा 2 लाख रुपये की सीमा का ध्यान रखें और इससे अधिक के लेनदेन के लिए बैंकिंग चैनल का उपयोग करें। दूसरी बात, अगर आपको किसी विशेष कारण से 2 लाख रुपये से अधिक का कैश लेनदेन करना ही है, तो उसके लिए उचित कारण और प्रमाण रखें। तीसरी बात, अपने सभी वित्तीय लेनदेन का प्रमाण हमेशा अपने पास रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप उन्हें प्रस्तुत कर सकें। अंत में, हमेशा याद रखें कि आयकर विभाग के नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है।

यह भी पढ़े:
Property Documents इन डॉक्यूमेंट के बिना खरीदा घर तो हो जाएगी मुश्किल, प्रोपर्टी खरीदने से पहले जान लें जरूरी बात Property Documents

कैश लेनदेन के नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। 2 लाख रुपये से अधिक के कैश लेनदेन से बचें और अधिक राशि के लिए डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग करें। इससे न केवल आप इनकम टैक्स विभाग के नोटिस और जुर्माने से बच सकते हैं, बल्कि एक पारदर्शी और विश्वसनीय वित्तीय प्रणाली के निर्माण में भी योगदान दे सकते हैं। याद रखें, नियमों का पालन करना न केवल कानूनी दृष्टि से जरूरी है, बल्कि यह आपके और देश के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और इसे कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कैश लेनदेन से संबंधित नियम और कानून समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए अद्यतन जानकारी के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या किसी योग्य टैक्स सलाहकार से परामर्श करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय या कार्रवाई के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। हर व्यक्ति की वित्तीय स्थिति अलग-अलग होती है, इसलिए व्यक्तिगत मामलों में विशेषज्ञ की सलाह लेना सबसे उचित होगा।

यह भी पढ़े:
Supreme Court प्रोपर्टी के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्णय, अब ऐसे नहीं मिलेगा संपत्ति का मालिकाना हक Supreme Court

5 seconds remaining

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group