Advertisement

मॉनूसन को लेकर बड़ा अपडेट, IMD ने बताया इस तारीख को करेगा एंट्री Monsoon Update

By Meera Sharma

Published On:

Monsoon Update

Monsoon Update: देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से प्रचंड गर्मी का प्रकोप जारी है और कई जगहों पर लू चलने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लोग गर्मी से बचने के उपाय ढूंढ रहे हैं और बारिश का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच मौसम विभाग (IMD) ने राहत भरी खबर देते हुए बताया है कि इस साल मानसून समय से पहले दस्तक देने वाला है। विभाग के अनुसार, 27 मई 2025 को केरल में मानसून की आमद होने की संभावना है, जबकि आमतौर पर यह 1 जून के आसपास होता है। यह खबर निश्चित रूप से गर्मी से परेशान लोगों के लिए काफी राहत भरी है।

2009 के बाद सबसे जल्दी आगमन

मौसम विभाग के अनुसार, अगर इस बार 27 मई को मानसून केरल पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद सबसे जल्दी आगमन होगा। 2009 में मानसून 23 मई को ही केरल में प्रवेश कर चुका था, जो कि अब तक का रिकॉर्ड रहा है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024 में मानसून 30 मई को, 2023 में 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को केरल में पहुंचा था। इससे स्पष्ट है कि मानसून के आगमन की तारीख में हर साल थोड़ा बहुत अंतर होता रहता है।

यह भी पढ़े:
DA Hike 1 करोड़ कर्मचारियों को झटका, दो फ़ीसदी भी नहीं बढ़ेगा इस बार महंगाई भत्ता DA Hike

मानसून का सफर

केरल में मानसून की शुरुआत को भारतीय उपमहाद्वीप पर मानसून के आगमन का महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है। केरल से प्रवेश करने के बाद मानसून धीरे-धीरे पूरे देश में अपना जाल फैलाता है। सामान्यतः मानसून 8 जुलाई तक पूरे भारत को अपनी चपेट में ले लेता है। इसकी वापसी 17 सितंबर से शुरू होती है, जो 15 अक्टूबर तक पूरी हो जाती है। मानसून का यह सफर भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश की लगभग 60 प्रतिशत कृषि भूमि वर्षा पर निर्भर है।

मानसून के आगमन का समय और बारिश की मात्रा में कोई संबंध नहीं

यह भी पढ़े:
CIBIL Score कम सिबिल स्कोर के कारण बैंक नहीं दे रहा लोन, इस तरीके से मिल जाएगा पैसा CIBIL Score

मौसम विज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि मानसून के जल्दी या देर से आने का पूरे देश में होने वाली बारिश की मात्रा पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता है। एक वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, “मानसून की शुरुआत का समय और पूरे देश में बारिश की कुल मात्रा में कोई सीधा संबंध नहीं होता है। इसमें वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।” यह जानकारी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो मानसून के जल्दी आने से अधिक बारिश का अनुमान लगा रहे हैं।

इस साल होगी सामान्य से अधिक बारिश

मौसम विभाग ने अप्रैल 2025 में ही यह भविष्यवाणी कर दी थी कि इस साल के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। साथ ही, विभाग ने अल-नीनो प्रभाव की संभावना को भी खारिज कर दिया है, जो आमतौर पर कम बारिश से जुड़ा होता है। IMD के अनुसार, भारत में जून से सितंबर तक चलने वाले मानसून सीजन में कुल बारिश 87 सेंटीमीटर के दीर्घकालिक औसत का 105 प्रतिशत (5 प्रतिशत की संभावित त्रुटि के साथ) रहने का अनुमान है। यह ‘सामान्य से अधिक’ श्रेणी में आता है, जो कृषि उत्पादन और जल संसाधनों के लिए एक अच्छा संकेत है।

यह भी पढ़े:
CIBIL Score कम सिबिल स्कोर के कारण बैंक नहीं दे रहा लोन, इस तरीके से मिल जाएगा पैसा CIBIL Score

मानसून की श्रेणियां

मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून की वर्षा को पांच श्रेणियों में बांटा जाता है। 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत बारिश को ‘सामान्य’ माना जाता है, जो एक संतुलित मानसून का संकेत है। 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत बारिश को ‘सामान्य से कम’ और 105 प्रतिशत से 110 प्रतिशत बारिश को ‘सामान्य से अधिक’ श्रेणी में रखा जाता है। अगर बारिश 110 प्रतिशत से अधिक होती है, तो उसे ‘अत्यधिक बारिश’ और 90 प्रतिशत से कम होने पर ‘अल्प वर्षा’ या सूखे जैसी स्थिति माना जाता है। इस वर्गीकरण से मानसून की प्रकृति और इसके संभावित प्रभावों का अनुमान लगाया जा सकता है।

किसानों के लिए शुभ संकेत

यह भी पढ़े:
CIBIL Score सिबिल स्कोर से जुड़ी ये 10 जरूरी बातें होनी चाहिए पता, फिर बैंकों के नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर CIBIL Score

सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान किसानों के लिए एक शुभ संकेत है। अच्छी बारिश से फसलों का उत्पादन बढ़ता है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है और देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलती है। हालांकि, अत्यधिक बारिश से बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, जिससे फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, संतुलित बारिश का होना सभी के लिए लाभदायक है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, इस साल की बारिश ‘सामान्य से अधिक’ श्रेणी में आने वाली है, जो कृषि क्षेत्र के लिए एक अच्छा संकेत है।

मानसून का आर्थिक महत्व

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक है। देश की बड़ी आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है, और कृषि का अधिकांश हिस्सा मानसूनी बारिश पर निर्भर करता है। अच्छी बारिश से न केवल फसल उत्पादन बढ़ता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में खरीदारी की क्षमता भी बढ़ती है, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। इसके विपरीत, अपर्याप्त बारिश या सूखे की स्थिति में कृषि उत्पादन घट जाता है, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

यह भी पढ़े:
Toll Tax New System पूरे देश से हटाए जाएंगे टोल प्लाजा, 15 दिन में लागू होगी नई टोल नीति Toll Tax New System

जल संसाधनों पर प्रभाव

मानसून सिर्फ कृषि के लिए ही नहीं, बल्कि देश के जल संसाधनों के लिए भी महत्वपूर्ण है। अच्छी बारिश से नदियों, झीलों और भूजल स्तर में वृद्धि होती है, जो पीने के पानी और सिंचाई के लिए आवश्यक है। बांधों और जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ने से बिजली उत्पादन भी बढ़ता है। इसलिए, मानसून का प्रभाव जल प्रबंधन, ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण पर भी पड़ता है। सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान इस दृष्टि से भी सकारात्मक है, क्योंकि इससे जल संकट से निपटने में मदद मिलेगी।

बाढ़ और भूस्खलन का खतरा

यह भी पढ़े:
BSNL New Recharge Plan BSNL ने लॉन्च किया 365 दिनों का सस्ता रिचार्ज प्लान, मिलेगा अनलिमिटेड कॉलिंग एवं डाटा। BSNL New Recharge Plan

हालांकि अच्छी बारिश के कई फायदे हैं, लेकिन अत्यधिक बारिश से बाढ़, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। विशेष रूप से पहाड़ी और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता होती है। सरकार और प्रशासन को भी इन संभावित खतरों से निपटने के लिए पहले से तैयारियां करनी चाहिए। बचाव और राहत कार्यों की योजना, बाढ़ चेतावनी प्रणाली और आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को तैयार रखना महत्वपूर्ण है।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और मौसम विभाग द्वारा जारी की गई जानकारी पर आधारित है। मौसम की भविष्यवाणी में परिवर्तन हो सकता है और वास्तविक स्थिति भिन्न हो सकती है। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। अद्यतन और विश्वसनीय जानकारी के लिए मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या अन्य प्रामाणिक स्रोतों का संदर्भ लें। मानसून से संबंधित किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

यह भी पढ़े:
Bank Loan Rule होम लोन, पर्सनल लोन लोन वालों के लिए जरूरी खबर, लोन चुकाते समय 5 बातों का जरूर रखें ध्यान Bank Loan Rule

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group