8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने जनवरी 2024 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी, जिसके बाद से लगभग 1.2 करोड़ केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी इसकी रूपरेखा और संभावित वेतन वृद्धि के बारे में जानने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस वेतन आयोग से होने वाली वेतन वृद्धि न केवल मौजूदा कर्मचारियों के जीवन स्तर पर प्रभाव डालेगी, बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी महत्वपूर्ण होगी। सबसे महत्वपूर्ण और चर्चित प्रश्न यह है कि फिटमेंट फैक्टर कितना होगा और वास्तव में सैलरी में कितनी वृद्धि होगी।
प्रत्येक वेतन आयोग में, कर्मचारियों को मिलने वाली वास्तविक वेतन वृद्धि का निर्धारण फिटमेंट फैक्टर के आधार पर किया जाता है। यह वह गुणांक है जिसके द्वारा मौजूदा वेतन को गुणा किया जाता है, जिससे नए बेसिक वेतन की गणना होती है। पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर अलग-अलग रहा है, और इस बार भी इसे लेकर कई अटकलें और अनुमान लगाए जा रहे हैं।
फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण गुणांक (मल्टीप्लायर) होता है, जिसका उपयोग नए वेतन आयोग में नए बेसिक वेतन की गणना के लिए किया जाता है। यह सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि का एक प्रमुख निर्धारक है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी का वर्तमान बेसिक वेतन 18,000 रुपये है और नए वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 निर्धारित किया जाता है, तो उसका नया बेसिक वेतन 51,480 रुपये (18,000 × 2.86) हो जाएगा।
हालांकि, महत्वपूर्ण बात यह है कि फिटमेंट फैक्टर जितना बड़ा दिखाई देता है, वास्तविक लाभ उतना ही नहीं होता। इसका कारण यह है कि फिटमेंट फैक्टर में महंगाई भत्ते (DA) का समायोजन भी शामिल होता है। इसलिए, फिटमेंट फैक्टर की भव्य संख्या के बावजूद, वास्तविक वेतन वृद्धि उतनी प्रभावशाली नहीं हो सकती जितनी पहली नजर में लगती है।
पिछले वेतन आयोगों से सीख
6वें वेतन आयोग (2006) में, फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिसने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में औसतन 54 प्रतिशत की वृद्धि की थी। यह एक महत्वपूर्ण वृद्धि थी जिसने कर्मचारियों के जीवन स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाला। इसके बाद, 7वें वेतन आयोग (2016) में फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.57 हो गया, जो पहली नजर में अधिक प्रभावशाली लगता था।
लेकिन 7वें वेतन आयोग में, वास्तविक वेतन वृद्धि सिर्फ 14.2 प्रतिशत रही, जो 6वें वेतन आयोग की तुलना में काफी कम थी। इसका मुख्य कारण यह था कि फिटमेंट फैक्टर का अधिकांश हिस्सा महंगाई भत्ते (DA) को समायोजित करने में उपयोग किया गया। 7वें वेतन आयोग के समय, वर्तमान वेतन के साथ 125 प्रतिशत महंगाई भत्ता जोड़ा गया था, जिससे 2.57 के फिटमेंट फैक्टर में से केवल 0.32 भाग ही ‘नई वृद्धि’ के रूप में माना जा सकता था।
8वें वेतन आयोग में क्या हो सकती हैं संभावनाएं?
8वें वेतन आयोग को लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञों के बीच अलग-अलग राय है। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 रखा जाए, ताकि वेतन और पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके। उनका तर्क है कि महंगाई और जीवन यापन की लागत में वृद्धि को देखते हुए, यह वृद्धि आवश्यक है।
हालांकि, फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग का मानना है कि इतनी बड़ी वृद्धि संभव नहीं है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.92 के आसपास निर्धारित हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो न्यूनतम बेसिक वेतन 34,560 रुपये तक पहुंच सकता है, जो वर्तमान न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से लगभग 92 प्रतिशत अधिक होगा।
महंगाई भत्ते का मर्जर और वास्तविक लाभ
7वें वेतन आयोग में, महंगाई भत्ते का मर्जर वेतन वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। उस समय, वर्तमान वेतन के साथ 125 प्रतिशत महंगाई भत्ता जोड़ा गया था। इस प्रक्रिया में, फिटमेंट फैक्टर (2.57) का अधिकांश हिस्सा महंगाई भत्ते को समायोजित करने में चला गया, जिससे वास्तविक वृद्धि सिर्फ 14.2 प्रतिशत रह गई।
8वें वेतन आयोग में भी, महंगाई भत्ते का मर्जर एक महत्वपूर्ण पहलू होगा। वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता लगभग 50 प्रतिशत है। यदि इसे मर्ज किया जाता है, तो फिटमेंट फैक्टर का एक बड़ा हिस्सा इसके समायोजन में जाएगा। इसलिए, 1.92 के फिटमेंट फैक्टर में से, वास्तविक वृद्धि लगभग 0.42 या 42 प्रतिशत हो सकती है, जो 7वें वेतन आयोग की वास्तविक वृद्धि से अधिक होगी।
8वें वेतन आयोग की वर्तमान स्थिति और तैयारियां
हाल ही में, सरकार ने 8वें वेतन आयोग की तैयारियों को गति देते हुए दो सर्कुलर जारी किए हैं। इन सर्कुलर्स के माध्यम से, 8वें वेतन आयोग के लिए 40 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। इन पदों पर विभिन्न विभागों से अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होगी, जो आयोग के कार्य में सहायता करेंगे।
आने वाले समय में, 8वें वेतन आयोग का टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी किया जाएगा, जिसमें आयोग के कार्यों और जिम्मेदारियों का विस्तृत विवरण होगा। इसके बाद, आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।
सरकार पर वित्तीय बोझ और बजट संबंधी चिंताएं
7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा था। इसमें से 73,650 करोड़ रुपये केंद्रीय बजट पर और 28,450 करोड़ रुपये रेलवे के बजट पर पड़े थे। 8वें वेतन आयोग में, यदि फिटमेंट फैक्टर अधिक रखा जाता है, तो यह वित्तीय बोझ और भी अधिक हो सकता है।
इसलिए, सरकार इस बार वित्तीय स्थिरता और कर्मचारियों के हितों के बीच एक संतुलन बनाने की कोशिश करेगी। यह संभव है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर को उचित स्तर पर रखे, ताकि कर्मचारियों को पर्याप्त लाभ मिले और साथ ही वित्तीय स्थिरता भी बनी रहे। इस संदर्भ में, 1.92 का फिटमेंट फैक्टर एक संतुलित विकल्प हो सकता है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए संभावित लाभ
यदि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 निर्धारित किया जाता है, तो न्यूनतम बेसिक वेतन 34,560 रुपये हो सकता है। यह वर्तमान न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से लगभग 92 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, यदि महंगाई भत्ते का मर्जर प्रभावी तरीके से किया जाता है, तो कर्मचारियों को वास्तविक लाभ मिल सकता है।
इसके अलावा, अन्य भत्तों में भी वृद्धि हो सकती है, जैसे कि मकान किराया भत्ता (HRA), परिवहन भत्ता, और शिक्षा भत्ता। यह सभी वृद्धियां मिलकर केंद्रीय कर्मचारियों के कुल वेतन पैकेज में उल्लेखनीय सुधार ला सकती हैं। साथ ही, पेंशनभोगियों को भी इससे लाभ होगा, क्योंकि उनकी पेंशन भी नए बेसिक वेतन के आधार पर संशोधित की जाएगी।
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जिससे उनके वेतन और पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि वास्तविक वृद्धि फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ते के मर्जर पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फिटमेंट फैक्टर को समझदारी से लागू किया जाता है, तो न केवल मौजूदा कर्मचारियों को लाभ होगा, बल्कि पेंशनभोगियों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों को देखते हुए, केंद्रीय कर्मचारियों में उम्मीद है कि इस बार वेतन में वास्तविक और उल्लेखनीय वृद्धि होगी। अब सभी की नजरें 2026 की शुरुआत पर टिकी हुई हैं, जब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें पूरी तरह से लागू होंगी। यह आशा की जाती है कि यह वेतन आयोग देश के सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा और उनके जीवन स्तर में सुधार करेगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसमें दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है। 8वें वेतन आयोग के बारे में अंतिम निर्णय और सिफारिशें सरकार द्वारा ही की जाएंगी, और वास्तविक परिणाम प्रस्तुत अनुमानों से भिन्न हो सकते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले सरकारी अधिसूचनाओं और आधिकारिक घोषणाओं का संदर्भ लें। लेखक और प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।