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एक साल में ज्यादा से ज्यादा कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक, किराएदार जान लें अपने अधिकार tenant rights

By Meera Sharma

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tenant rights: आज के समय में किराए पर मकान लेकर रहना एक बड़ी चुनौती बन गया है। हर शहर में, खासकर बड़े महानगरों में, प्रतिदिन हजारों लोग किराए के मकान की तलाश में रहते हैं। किराए पर मकान मिल जाने के बाद भी किराएदारों के सामने कई तरह की समस्याएं आती हैं। इनमें सबसे बड़ी समस्या होती है किराया बढ़ने की। अक्सर देखा जाता है कि मकान मालिक कुछ ही महीनों में किराया बढ़ा देते हैं, जिससे किराएदारों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि एक साल में मकान मालिक कितना किराया बढ़ा सकता है और किराएदारों के क्या अधिकार हैं।

रेंट एग्रीमेंट का महत्व और कानूनी पहलू

रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार के बीच एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह सिर्फ एक कागज नहीं, बल्कि एक कानूनी दस्तावेज है जो दोनों पक्षों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करता है। रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 17 के अंतर्गत रेंट एग्रीमेंट का विशेष महत्व बताया गया है। इस एग्रीमेंट के माध्यम से मकान मालिक और किराएदार दोनों के हितों का संरक्षण होता है। किराएदार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह मकान में रहने से पहले रेंट एग्रीमेंट अवश्य बनवाए, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके।

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11 महीने का रेंट एग्रीमेंट क्यों बनवाया जाता है?

अधिकतर लोग 11 महीने का ही रेंट एग्रीमेंट बनवाते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, 11 महीने का एग्रीमेंट बनवाने में ज्यादा औपचारिकताओं की आवश्यकता नहीं होती। इसे आसानी से बनवाया जा सकता है और इसके लिए सब रजिस्ट्रार के ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। दूसरा, 11 महीने के एग्रीमेंट पर स्टांप ड्यूटी भी कम लगती है, जिससे दोनों पक्षों को आर्थिक बचत होती है। तीसरा, 11 महीने का एग्रीमेंट मकान मालिक को अधिक लचीलापन प्रदान करता है, क्योंकि इसके समाप्त होने के बाद वह किराया बढ़ा सकता है या नए नियम शर्तें तय कर सकता है।

किराएदार के मूलभूत अधिकार और सुविधाएं

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किराएदार को कुछ मूलभूत अधिकार और सुविधाएं प्राप्त होती हैं, जिन्हें मकान मालिक अस्वीकार नहीं कर सकता। इनमें बिजली, पानी और सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। मकान मालिक इन सुविधाओं को देने से मना नहीं कर सकता, हालांकि वह रेंट एग्रीमेंट में तय की गई शर्तों के अनुसार इनका चार्ज वसूल सकता है। इसलिए, किराएदार को मकान किराए पर लेने से पहले ही इन सभी बातों को स्पष्ट कर लेना चाहिए कि किन सुविधाओं के लिए उसे अतिरिक्त भुगतान करना होगा और किन सुविधाओं के लिए नहीं। यह स्पष्टता भविष्य में होने वाले विवादों से बचने में मदद करेगी।

एक साल में कितना किराया बढ़ाया जा सकता है?

किराएदारों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि एक साल में मकान मालिक कितना किराया बढ़ा सकता है। किराया बढ़ाने का नियम राज्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है, क्योंकि यह स्थानीय कानूनों पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में रेंट कंट्रोल एक्ट 1999 के अनुसार, मकान मालिक हर साल अधिकतम 4 प्रतिशत तक किराया बढ़ा सकता है। हालांकि, अगर मकान मालिक मकान में अतिरिक्त सुविधाएं जैसे नया फर्नीचर, एयर कंडीशनर, गीजर आदि प्रदान करता है, तो वह अधिकतम 25 प्रतिशत तक किराया बढ़ा सकता है।

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रेंट एग्रीमेंट के फायदे मकान मालिक और किराएदार के लिए

रेंट एग्रीमेंट दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होता है। मकान मालिक के लिए, यह एग्रीमेंट प्रॉपर्टी पर किराएदार के अधिकार जमाने से रोकता है। एग्रीमेंट समाप्त होने पर मकान मालिक किराया बढ़ा सकता है या मकान खाली करवा सकता है। इसके अलावा, यह एग्रीमेंट मकान मालिक को विभिन्न प्रकार के विवादों से भी बचाता है, जैसे किराया न देना, मकान का अनधिकृत उपयोग करना आदि। किराएदार के लिए, रेंट एग्रीमेंट उसके अधिकारों की रक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि मकान मालिक मनमानी तरीके से किराया न बढ़ाए या मकान से बेदखल न करे।

11 महीने से अधिक का रेंट एग्रीमेंट कैसे बनवाएं?

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यदि आप 11 महीने से अधिक समय के लिए रेंट एग्रीमेंट बनवाना चाहते हैं, तो यह भी संभव है। आप 5 साल तक का रेंट एग्रीमेंट बनवा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको सब रजिस्ट्रार के ऑफिस में जाकर एग्रीमेंट को रजिस्टर कराना होगा। 5 साल का रेंट एग्रीमेंट बनवाने से मकान मालिक के अधिकारों को अधिक मजबूती मिलती है। इसके अलावा, लंबी अवधि के एग्रीमेंट से किराएदार को भी स्थिरता मिलती है, क्योंकि वह जानता है कि निश्चित अवधि तक उसे मकान से बेदखल नहीं किया जा सकता और किराया भी अचानक नहीं बढ़ाया जा सकता।

प्रॉपर्टी मालिक को 5 साल के रेंट एग्रीमेंट से क्या फायदा?

5 साल के रेंट एग्रीमेंट से मकान मालिक को भी कई फायदे होते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर मकान मालिक 5 साल की अवधि पूरी होने से पहले ही प्रॉपर्टी खाली कराना चाहता है, तो वह बिना कोई कारण बताए, केवल एक नोटिस देकर किराएदार को मकान से बाहर कर सकता है। इस स्थिति में किराएदार कोई आपत्ति भी दर्ज नहीं करा सकता। यह प्रावधान मकान मालिक को अधिक अधिकार और सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, किराएदार के लिए यह प्रावधान कुछ हद तक असुरक्षा पैदा कर सकता है, इसलिए किराएदार को एग्रीमेंट की शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।

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किराएदारों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

किराएदारों को मकान किराए पर लेते समय कुछ सावधानियां अवश्य बरतनी चाहिए। सबसे पहले, रेंट एग्रीमेंट की सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समझें। किराए की राशि, किराया बढ़ाने की प्रक्रिया, सुरक्षा जमा राशि, नोटिस अवधि आदि सभी बातों को स्पष्ट रूप से समझ लें। दूसरा, मकान की सभी सुविधाओं और उनके लिए अतिरिक्त शुल्क, यदि कोई हो, के बारे में जानकारी प्राप्त करें। तीसरा, मकान की स्थिति का निरीक्षण करें और किसी भी प्रकार की क्षति या समस्या को रेंट एग्रीमेंट में दर्ज कराएं। और अंत में, नियमित रूप से किराए की रसीद अवश्य प्राप्त करें, जिससे भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सके।

किराएदार और मकान मालिक के बीच संबंध एक ऐसा संबंध है जिसमें दोनों पक्षों के हितों का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। मकान मालिक को अपनी प्रॉपर्टी से उचित आय प्राप्त करने का अधिकार है, जबकि किराएदार को उचित किराए पर रहने और मूलभूत सुविधाओं का आनंद लेने का अधिकार है। रेंट एग्रीमेंट इस संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किराया बढ़ाने के नियमों का पालन करके और एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करके, दोनों पक्ष एक स्वस्थ और सुखद किरायेदारी संबंध बना सकते हैं। अंत में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि स्पष्ट संवाद और ईमानदारी किराएदार और मकान मालिक के बीच विवादों को कम करने में मदद कर सकती है।

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Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किराएदारी से संबंधित नियम और कानून राज्य के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। किसी भी कानूनी मामले में, उचित कानूनी सलाह लेना आवश्यक है। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के परिणामों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। सभी पाठकों को अपने स्थानीय कानूनों और नियमों के अनुसार कार्य करने की सलाह दी जाती है।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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