Advertisement

सिबिल स्कोर से जुड़ी ये 10 जरूरी बातें होनी चाहिए पता, फिर बैंकों के नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर CIBIL Score

By Meera Sharma

Published On:

CIBIL Score

CIBIL Score: आज के आधुनिक युग में सिबिल स्कोर केवल लोन लेने के लिए ही आवश्यक नहीं रह गया है, बल्कि यह कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भी आवश्यक हो गया है। बैंक में नौकरी पाने से लेकर बीमा पॉलिसी लेने तक, सिबिल स्कोर एक महत्वपूर्ण मापदंड बन गया है। अधिकांश लोगों को सिबिल स्कोर से जुड़ी पूर्ण जानकारी नहीं होती, जिसके कारण वे बार-बार बैंकों के चक्कर काटने पर मजबूर होते हैं। यदि आप सिबिल स्कोर से संबंधित मूलभूत बातों को समझ लेते हैं, तो आपको अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और आपकी वित्तीय योजना भी बेहतर हो सकेगी।

सिबिल स्कोर की रेंज और इसका महत्व

सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या है जो 300 से 900 के बीच होती है और यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर निर्धारित होती है। यह स्कोर सिबिल कंपनी द्वारा आपके पिछले लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान पैटर्न को देखकर तैयार किया जाता है। आमतौर पर 750 या इससे अधिक का सिबिल स्कोर उत्कृष्ट माना जाता है और इससे आपको कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। 650-749 के बीच का स्कोर अच्छा माना जाता है, जबकि 600 से नीचे का स्कोर खराब माना जाता है। इस स्कोर का सीधा प्रभाव आपकी लोन योग्यता और मिलने वाली ब्याज दरों पर पड़ता है।

यह भी पढ़े:
CIBIL Score कम सिबिल स्कोर के कारण बैंक नहीं दे रहा लोन, इस तरीके से मिल जाएगा पैसा CIBIL Score

बैंकिंग सेक्टर में सिबिल स्कोर की बढ़ती आवश्यकता

सिबिल स्कोर अब केवल लोन लेने वालों के लिए ही नहीं बल्कि बैंकिंग सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी आवश्यक हो गया है। कई बैंक अपने कर्मचारियों की भर्ती के समय उनके सिबिल स्कोर की जांच करते हैं। इसका कारण यह है कि बैंक चाहते हैं कि उनके कर्मचारी वित्तीय रूप से जिम्मेदार हों और उनकी स्वयं की क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी हो। यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को समझता है और समय पर अपने दायित्वों को पूरा करता है। इसके अलावा, कुछ वित्तीय संस्थान अपने उच्च पदों पर नियुक्ति के लिए भी सिबिल स्कोर को एक महत्वपूर्ण कारक मानते हैं।

लोन अप्रूवल के लिए आदर्श सिबिल स्कोर

यह भी पढ़े:
Toll Tax New System पूरे देश से हटाए जाएंगे टोल प्लाजा, 15 दिन में लागू होगी नई टोल नीति Toll Tax New System

लोन की मंजूरी पाने के लिए आपका सिबिल स्कोर जितना 900 के करीब होगा, उतनी ही आसानी से लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। 750 से ऊपर का स्कोर बेहद अच्छा माना जाता है और इससे आपको प्रीमियम ग्राहक का दर्जा मिलता है। इस श्रेणी में आने वाले ग्राहकों को न केवल आसानी से लोन मिलता है बल्कि बेहतर ब्याज दरें भी मिलती हैं। 650-749 के बीच का स्कोर भी स्वीकार्य है, लेकिन इसमें ब्याज दरें थोड़ी अधिक हो सकती हैं। 600 से नीचे का स्कोर खराब माना जाता है और इसमें लोन मिलना कठिन हो जाता है। यदि लोन मिल भी जाता है तो ब्याज दरें काफी अधिक होती हैं।

लोन डिफॉल्ट का सिबिल स्कोर पर प्रभाव

लोन डिफॉल्ट सिबिल स्कोर खराब होने का सबसे प्रमुख कारण है। जब आप अपनी लोन की किस्त (EMI) समय पर नहीं चुकाते हैं, तो यह आपके सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह प्रभाव कई अंकों तक आपके स्कोर को गिरा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आप किसी के लोन के गारंटर बने हैं और वह व्यक्ति लोन डिफॉल्ट कर देता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर भी पड़ता है। इसलिए किसी के लिए गारंटर बनते समय अत्यधिक सावधानी बरतना आवश्यक है। लगातार डिफॉल्ट करने से आपका स्कोर इतना गिर सकता है कि भविष्य में कोई भी बैंक आपको लोन देने के लिए तैयार नहीं होगा।

यह भी पढ़े:
BSNL New Recharge Plan BSNL ने लॉन्च किया 365 दिनों का सस्ता रिचार्ज प्लान, मिलेगा अनलिमिटेड कॉलिंग एवं डाटा। BSNL New Recharge Plan

सिबिल स्कोर सुधारने के प्रभावी तरीके

सिबिल स्कोर सुधारने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है अपनी सभी EMI और क्रेडिट कार्ड के बिलों का समय पर भुगतान करना। यह आपकी वित्तीय जिम्मेदारी को दर्शाता है और आपके स्कोर में सुधार लाता है। क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी क्रेडिट लिमिट का केवल 30 प्रतिशत तक ही उपयोग करें। अधिक उपयोग से आपका स्कोर नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है। एक साथ कई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न दें क्योंकि इससे भी स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पुराने क्रेडिट कार्ड को बंद न करें क्योंकि लंबी क्रेडिट हिस्ट्री आपके स्कोर के लिए अच्छी होती है।

सिबिल स्कोर चेकिंग की आवृत्ति

यह भी पढ़े:
Bank Loan Rule होम लोन, पर्सनल लोन लोन वालों के लिए जरूरी खबर, लोन चुकाते समय 5 बातों का जरूर रखें ध्यान Bank Loan Rule

सिबिल स्कोर को चेक करने की कोई निर्धारित सीमा नहीं है और आप इसे नियमित रूप से देख सकते हैं। वास्तव में, नियमित जांच एक अच्छी आदत है क्योंकि इससे आपको अपनी क्रेडिट स्थिति के बारे में पता चलता रहता है। जब भी आप कोई महत्वपूर्ण वित्तीय लेनदेन करते हैं, जैसे कि EMI का भुगतान या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान, तो उसके बाद अपने स्कोर की जांच करना फायदेमंद होता है। इससे आप देख सकते हैं कि आपके भुगतान का आपके स्कोर पर क्या प्रभाव पड़ा है। यदि आपको कोई त्रुटि दिखाई देती है तो आप तुरंत शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

सिबिल स्कोर में सुधार और गिरावट के कारक

सिबिल स्कोर में सुधार लाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है समय पर भुगतान की आदत। जब आप अपनी सभी EMI, क्रेडिट कार्ड बिल और अन्य वित्तीय दायित्वों का समय पर भुगतान करते हैं, तो यह आपके स्कोर को बेहतर बनाता है। वहीं दूसरी ओर, समय पर भुगतान न करना, लगातार देर से भुगतान करना, क्रेडिट कार्ड की सीमा से अधिक खर्च करना और कई जगह एक साथ क्रेडिट के लिए आवेदन देना आपके स्कोर को खराब करने के मुख्य कारण हैं। इसके अलावा, यदि आप बार-बार अपना क्रेडिट कार्ड बंद करते और नया खुलवाते रहते हैं, तो यह भी आपके स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

यह भी पढ़े:
Property rights दादा की प्रोपर्टी में पोते का कितना होता है अधिकार, जान लें कानून Property rights

सिबिल स्कोर अपडेट की आवृत्ति और समय

सिबिल स्कोर आमतौर पर महीने में दो बार अपडेट होता है, यानी हर 15 दिन में एक बार। यह नियमित अपडेट इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि आपकी वर्तमान वित्तीय गतिविधियों का सही प्रभाव आपके स्कोर में दिखाई दे। कभी-कभी बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों की ओर से गलत जानकारी अपडेट हो जाती है, जिससे आपका स्कोर प्रभावित हो सकता है। इसलिए नियमित रूप से अपने स्कोर की जांच करना आवश्यक है। यदि आपको कोई त्रुटि दिखाई देती है तो आप सिबिल कंपनी में शिकायत दर्ज करवाकर इसे सुधरवा सकते हैं। सामान्यतः इस प्रकार की त्रुटियों को सुधारने में 30-45 दिन का समय लग सकता है।

ब्याज दरों पर सिबिल स्कोर का प्रभाव

यह भी पढ़े:
Retirement Age केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में बदलाव पर बड़ा अपडेट, सरकार ने दिया Retirement Age

सिबिल स्कोर का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है। जब आप लोन के लिए आवेदन देते हैं, तो बैंक या NBFC सबसे पहले आपके सिबिल स्कोर की जांच करते हैं। इसके आधार पर ही वे आपकी लोन योग्यता और ब्याज दर निर्धारित करते हैं। 750 या इससे अधिक स्कोर वाले ग्राहकों को सबसे कम ब्याज दरों पर लोन मिलता है। वहीं कम स्कोर वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज दर पर लोन मिलता है क्योंकि बैंक उन्हें अधिक जोखिम भरा मानते हैं। कुछ मामलों में, बहुत कम स्कोर के कारण लोन मिलना ही मुश्किल हो जाता है। इसलिए अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना आर्थिक रूप से बेहद फायदेमंद होता है।

सिबिल स्कोर रिपोर्ट प्राप्त करने के तरीके

आज के डिजिटल युग में अपने सिबिल स्कोर की जांच करना बहुत आसान हो गया है। आप सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट से अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, कई बैंक और फिनटेक कंपनियां भी अपने ग्राहकों को मुफ्त में सिबिल स्कोर चेक करने की सुविधा प्रदान करती हैं। आजकल कई मोबाइल ऐप्स भी उपलब्ध हैं जो आपको तुरंत अपना स्कोर देखने की सुविधा देती हैं। हालांकि, मोबाइल ऐप्स का उपयोग करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है और केवल विश्वसनीय और प्रतिष्ठित कंपनियों के ऐप्स का ही उपयोग करना चाहिए। कभी भी अज्ञात या संदिग्ध ऐप्स पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

यह भी पढ़े:
Income Tax भारत में इन लोगों को करोड़ों की कमाई पर भी नहीं देना होता एक रुपया भी टैक्स Income Tax

भविष्य की वित्तीय योजना में सिबिल स्कोर का महत्व

एक अच्छा सिबिल स्कोर आपकी भविष्य की वित्तीय योजनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। घर खरीदने के लिए होम लोन, गाड़ी खरीदने के लिए ऑटो लोन, बिजनेस शुरू करने के लिए बिजनेस लोन या किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए पर्सनल लोन की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे में एक अच्छा सिबिल स्कोर आपको तुरंत और बेहतर शर्तों पर लोन दिला सकता है। इसके विपरीत, खराब स्कोर के कारण आपको या तो लोन नहीं मिलेगा या फिर बहुत महंगी ब्याज दरों पर मिलेगा। इसलिए आज से ही अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर देना चाहिए।

सिबिल स्कोर आज के समय में केवल एक संख्या नहीं है बल्कि यह आपकी वित्तीय साख का प्रतिबिंब है। इसे बेहतर बनाना और बनाए रखना एक कला है जिसमें अनुशासन, धैर्य और समझदारी की आवश्यकता होती है। समय पर भुगतान, जिम्मेदार क्रेडिट उपयोग और नियमित निगरानी के माध्यम से आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बना सकते हैं। याद रखें कि एक अच्छा सिबिल स्कोर न केवल आपकी वर्तमान वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है बल्कि भविष्य के लिए भी एक मजबूत वित्तीय आधार तैयार करता है। इसलिए आज से ही इन सभी बातों को ध्यान में रखकर अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना शुरू करें।

यह भी पढ़े:
Pension Rule सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट, पेंशन कैलकुलेशन के नियमों में बदलाव Pension Rule

Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। सिबिल स्कोर से संबंधित नियम और प्रक्रिया समय-समय पर बदलती रहती हैं। कोई भी महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लेने से पहले, कृपया योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। मोबाइल ऐप्स का उपयोग करते समय सावधानी बरतें और केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के परिणामों के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

यह भी पढ़े:
Cheque Bounce New Rules चेक बाउंस होने पर जान ले नया नियम, होगी जेल, लगेगा दुगना जुर्माना और देना होगा कोर्ट फीस का खर्च।। Cheque Bounce New Rules

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group