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कम सिबिल स्कोर के कारण बैंक नहीं दे रहा लोन, इस तरीके से मिल जाएगा पैसा CIBIL Score

By Meera Sharma

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CIBIL Score

CIBIL Score: आज के वित्तीय युग में सिबिल स्कोर किसी व्यक्ति की आर्थिक विश्वसनीयता का सबसे महत्वपूर्ण पैमाना माना जाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और जितना यह अंक अधिक होता है, उतनी ही आसानी से बैंक और वित्तीय संस्थान लोन प्रदान करते हैं। एक अच्छा सिबिल स्कोर न केवल लोन मंजूरी की संभावनाओं को बढ़ाता है बल्कि बेहतर ब्याज दरों और शर्तों पर लोन दिलाने में भी सहायक होता है। परंतु खराब सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों के लिए लोन प्राप्त करना एक कठिन चुनौती बन जाता है।

खराब सिबिल स्कोर के कारण अक्सर लोगों को लगता है कि उनके लिए लोन प्राप्त करना असंभव है। हालांकि यह सच है कि खराब क्रेडिट स्कोर लोन मंजूरी में बाधा डालता है, लेकिन यह कोई अंतिम समाधान नहीं है। वास्तव में कुछ स्मार्ट रणनीतियों और विकल्पों का उपयोग करके खराब सिबिल स्कोर वाले व्यक्ति भी लोन प्राप्त कर सकते हैं।

संयुक्त लोन का विकल्प

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खराब सिबिल स्कोर की समस्या से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका संयुक्त लोन या ज्वाइंट लोन लेना है। इस व्यवस्था में आपके साथ कोई दूसरा व्यक्ति सह-आवेदक के रूप में लोन के लिए आवेदन करता है। यह व्यक्ति आपका जीवनसाथी, माता-पिता, भाई-बहन या कोई करीबी रिश्तेदार हो सकता है जिसका सिबिल स्कोर अच्छा हो। जब दो लोग मिलकर लोन के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक दोनों की आर्थिक स्थिति और क्रेडिट हिस्ट्री का आकलन करता है।

संयुक्त लोन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर एक आवेदक का सिबिल स्कोर कम है तो दूसरे आवेदक का अच्छा स्कोर इसकी भरपाई कर देता है। इससे न केवल लोन मंजूरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं बल्कि बेहतर शर्तों पर लोन मिलने की उम्मीद भी रहती है। इसके अतिरिक्त संयुक्त लोन में दोनों आवेदकों की आय को मिलाकर देखा जाता है जिससे अधिक लोन राशि मिल सकती है।

सुरक्षित लोन का सहारा

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खराब सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों के लिए सुरक्षित लोन या सिक्योर्ड लोन एक बेहतरीन विकल्प है। इस प्रकार के लोन में आपको अपनी कोई संपत्ति या मूल्यवान वस्तु को गारंटी के रूप में गिरवी रखना होता है। सबसे आम सुरक्षित लोन गोल्ड लोन है जिसमें आप अपने सोने के आभूषणों के बदले लोन प्राप्त कर सकते हैं। गोल्ड लोन के लिए सिबिल स्कोर की जांच बहुत कम की जाती है क्योंकि बैंक के पास भौतिक सुरक्षा उपलब्ध होती है।

इसके अलावा आप अपनी अचल संपत्ति, फिक्स्ड डिपॉजिट, बीमा पॉलिसी या शेयर्स के बदले भी लोन ले सकते हैं। सुरक्षित लोन में बैंक का जोखिम कम होता है क्योंकि यदि उधारकर्ता लोन नहीं चुका पाता तो बैंक गिरवी रखी गई संपत्ति को बेचकर अपनी राशि वसूल कर सकता है। इसी कारण बैंक सुरक्षित लोन आसानी से मंजूर करते हैं और ब्याज दरें भी असुरक्षित लोन की तुलना में कम होती हैं।

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से सहायता

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जब पारंपरिक बैंक लोन देने से मना कर देते हैं तो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां या एनबीएफसी एक अच्छा विकल्प बन सकती हैं। ये संस्थान बैंकों की तुलना में अधिक लचीली नीतियां अपनाती हैं और खराब सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों को भी लोन प्रदान करती हैं। छोटी एनबीएफसी कंपनियां विशेष रूप से ऐसे ग्राहकों पर ध्यान देती हैं जिन्हें बैंकों से लोन नहीं मिल पाता। हालांकि इन संस्थानों से लोन लेते समय ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं क्योंकि वे अधिक जोखिम उठाती हैं।

एनबीएफसी से लोन लेने का एक और फायदा यह है कि ये तेजी से लोन प्रोसेसिंग करती हैं और कम कागजी कार्रवाई की मांग करती हैं। कई बार आपातकालीन स्थितियों में जब तुरंत पैसों की जरूरत हो तो ये संस्थान बहुत सहायक साबित होती हैं। परंतु एनबीएफसी से लोन लेते समय सभी नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ना आवश्यक है।

स्थिर आय का प्रमाण और कम राशि का लोन

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खराब सिबिल स्कोर के बावजूद लोन प्राप्त करने के लिए स्थिर आय का प्रमाण दिखाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप बैंक को यह दिखा सकते हैं कि आपके पास नियमित और स्थिर आय का स्रोत है तो लोन मंजूरी की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। बैंक मुख्यतः इस बात को देखते हैं कि व्यक्ति की वर्तमान आर्थिक स्थिति कैसी है और क्या वह नियमित रूप से ईएमआई चुकाने में सक्षम है। सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट और आयकर रिटर्न जैसे दस्तावेज आपकी आय की स्थिरता को साबित करने में सहायक होते हैं।

इसके साथ ही यदि आप कम राशि का लोन मांगते हैं तो बैंक इसे मंजूर करने में अधिक इच्छुक होते हैं। छोटी लोन राशि में बैंक का जोखिम कम होता है और वसूली की संभावनाएं अधिक रहती हैं। शुरुआत में कम राशि का लोन लेकर समय पर ईएमआई चुकाना आपके सिबिल स्कोर को सुधारने का भी एक अच्छा तरीका है।

भविष्य के लिए सुझाव

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खराब सिबिल स्कोर की समस्या से स्थायी समाधान पाने के लिए अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करना आवश्यक है। समय पर ईएमआई चुकाना, क्रेडिट कार्ड के बकाया का भुगतान करना और क्रेडिट उपयोग को नियंत्रित रखना आपके स्कोर को बेहतर बनाने में सहायक होता है। नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करना और किसी भी गलती को सुधारवाना भी महत्वपूर्ण है। धैर्य रखकर और सही वित्तीय आदतों को अपनाकर आप अपने सिबिल स्कोर में सुधार ला सकते हैं।

Disclaimer

यह जानकारी सामान्य शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। वित्तीय संस्थानों की नीतियां और शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं। किसी भी लोन के लिए आवेदन करने से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय संस्थान से विस्तृत जानकारी प्राप्त करें और सभी नियम व शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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