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EPFO कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब हर महीने मिलेगी इतनी पेंशन, जानें जल्दी Big good news for EPFO ​​employees

By Meera Sharma

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Big good news for EPFO ​​employees

Big good news for EPFO ​​employees: रिटायरमेंट के बाद का जीवन सभी के लिए चिंता का विषय होता है। खासकर निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए, जहां सरकारी नौकरियों जैसी पेंशन सुविधा नहीं मिलती। इस समस्या का समाधान करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) शुरू की है। यह योजना कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय सुनिश्चित करती है, जिससे वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।

कर्मचारी पेंशन योजना का परिचय

कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) की शुरुआत 1995 में की गई थी। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर कर्मचारियों को पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ विशेष शर्तें हैं, जैसे कि न्यूनतम 10 साल का योगदान देना।

पेंशन के लिए पात्रता की शर्तें

ईपीएफओ के नियमानुसार, कोई भी कर्मचारी जिसने कम से कम 10 साल तक पेंशन फंड में योगदान दिया है, वह पेंशन पाने का अधिकारी है। यहां एक महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर किसी कर्मचारी ने 9 साल 6 महीने तक भी सेवा दी है, तो उसे पेंशन का लाभ मिल सकता है। इसे 10 साल पूरा माना जाता है। हालांकि, अगर किसी ने 9 साल से कम समय तक योगदान दिया है, तो वह पेंशन का हकदार नहीं होगा।

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पीएफ खाते में योगदान का तरीका

हर महीने कर्मचारी और नियोक्ता दोनों पीएफ खाते में योगदान देते हैं। कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत हिस्सा पीएफ खाते में जाता है। इसमें से 8.33 प्रतिशत ईपीएस खाते में और शेष 3.67 प्रतिशत ईपीएफ खाते में जमा होता है। इस प्रकार, हर महीने पेंशन खाते में एक निश्चित राशि जमा होती रहती है, जो बाद में पेंशन के रूप में कर्मचारी को मिलती है।

नौकरी बदलने पर पेंशन का प्रभाव

आजकल लोग अक्सर नौकरी बदलते रहते हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या अलग-अलग नौकरियों में काम करने से पेंशन पर प्रभाव पड़ेगा। ईपीएफओ के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी ने विभिन्न संस्थानों में कुल मिलाकर 10 साल तक सेवा की है, तो वह पेंशन पाने का हकदार होगा। इसके लिए जरूरी है कि कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) सभी नौकरियों में एक ही रहे, ताकि सभी नौकरियों की सेवा अवधि को जोड़ा जा सके।

नौकरियों के बीच अंतराल का प्रभाव

कभी-कभी कर्मचारी दो नौकरियों के बीच कुछ समय के लिए अंतराल रखते हैं। ईपीएफओ के नियम के अनुसार, यह अंतराल पेंशन पात्रता पर प्रभाव नहीं डालता। अगर कर्मचारी ने अलग-अलग नौकरियों में कुल मिलाकर 10 साल तक सेवा दी है, तो वह पेंशन पाने का हकदार होगा, चाहे बीच में कितना भी अंतराल क्यों न रहा हो। महत्वपूर्ण है कि कर्मचारी अपना यूएएन नंबर संभालकर रखे और नई नौकरी में इसका उपयोग करे।

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यूएएन नंबर का महत्व

यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) 12 अंकों का एक विशेष नंबर होता है, जो ईपीएफओ द्वारा हर कर्मचारी को दिया जाता है। यह नंबर कर्मचारी के पूरे करियर में एक ही रहता है, भले ही वह कितनी भी बार नौकरी बदले। जब कर्मचारी नई नौकरी शुरू करता है, तो उसे अपना यूएएन नंबर नए नियोक्ता को देना चाहिए, ताकि उसका पीएफ खाता उसी यूएएन से जुड़ सके। इस तरह, सभी नौकरियों की सेवा अवधि को जोड़कर पेंशन की पात्रता निर्धारित की जाती है।

रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा के लिए ईपीएस एक महत्वपूर्ण योजना है। इसलिए हर कर्मचारी को अपने पीएफ खाते और यूएएन नंबर की जानकारी रखनी चाहिए, ताकि वे सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का लाभ उठा सकें। सही जानकारी और समझ के साथ, कोई भी कर्मचारी अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकता है।

अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। अधिक विवरण के लिए कृपया ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट या कार्यालय से संपर्क करें।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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