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लोन देते वक्त बैंक सबसे पहले चेक करेगा सिबिल स्कोर, जानिये लोन लेने के लिए कितना सिबिल जरूरी CIBIL Score

By Meera Sharma

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CIBIL Score

CIBIL Score: आजकल हमारे जीवन में वित्तीय आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं, और ऐसे में बैंकों से लोन लेना एक सामान्य प्रक्रिया बन गई है। चाहे वह होम लोन हो, कार लोन, पर्सनल लोन या फिर क्रेडिट कार्ड – सभी के लिए बैंक सबसे पहले आपके सिबिल स्कोर की जांच करते हैं। सिबिल स्कोर (CIBIL Score) एक ऐसा आंकड़ा है जो आपकी वित्तीय स्थिति और क्रेडिट इतिहास का परिचय देता है। यह बैंकों और वित्तीय संस्थानों को यह बताता है कि आप लोन या क्रेडिट कार्ड के भुगतान के लिए कितने विश्वसनीय हैं। इसीलिए लोन लेने में सिबिल स्कोर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है, और इसका अच्छा होना आपके लिए फायदेमंद साबित होता है।

सिबिल स्कोर क्या होता है और कैसे काम करता है

सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह आंकड़ा आपकी वित्तीय अनुशासन और क्रेडिट इतिहास के आधार पर तय किया जाता है। सिबिल (CIBIL) जिसका पूरा नाम क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड है, एक संस्था है जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आपके लोन और क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी एकत्र करती है। इस जानकारी के आधार पर, वह आपका क्रेडिट स्कोर तैयार करती है। आपका सिबिल स्कोर जितना अधिक होगा, वित्तीय संस्थानों की नजर में आपकी विश्वसनीयता उतनी ही अधिक होगी, और आपको लोन मिलने की संभावना भी उतनी ही बढ़ जाएगी।

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क्रेडिट हिस्ट्री और उसका महत्व

आपके सिबिल स्कोर का निर्धारण आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर होता है। क्रेडिट हिस्ट्री का अर्थ है आपके द्वारा लिए गए सभी लोन और क्रेडिट कार्ड का विवरण और उनके भुगतान का इतिहास। अगर आपने पहले कभी लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है, तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री नहीं बनी होगी। ऐसी स्थिति में आपके सिबिल स्कोर को ‘NA’ (Not Applicable) या ‘NH’ (No History) के रूप में दर्शाया जाता है। क्रेडिट हिस्ट्री बनाने के लिए जरूरी है कि आप कोई लोन या क्रेडिट कार्ड लें और उसके EMI या बिल का समय पर भुगतान करें। जब आप नियमित रूप से अपने EMI या बिल का भुगतान करते हैं, तब आपका सिबिल स्कोर बनता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है।

सिबिल स्कोर 300-549

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जब किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर 350 से 549 के बीच होता है, तो उसे खराब क्रेडिट स्कोर माना जाता है। इस रेंज का स्कोर इस बात का संकेत देता है कि आपने अपने क्रेडिट कार्ड बिल या लोन EMI का भुगतान समय पर नहीं किया है। खराब सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों को लोन मिलना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे व्यक्तियों से लोन की वसूली में जोखिम नजर आता है। वे मानते हैं कि ऐसे लोगों के डिफॉल्टर बनने की संभावना अधिक होती है, यानी वे लोन के EMI का भुगतान नहीं कर पाएंगे। इसलिए, अगर आपका सिबिल स्कोर इस रेंज में है, तो आपको इसे सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।

सिबिल स्कोर 550-649

अगर आपका सिबिल स्कोर 550 से 649 के बीच है, तो इसे औसत या ठीक-ठाक सिबिल स्कोर माना जाता है। यह दर्शाता है कि आप अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ मामलों में आप समय पर भुगतान नहीं कर पाए हैं। इस रेंज के सिबिल स्कोर पर बैंक आपको लोन देने के लिए विचार तो करेंगे, लेकिन आपको उच्च ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना अधिक होती है। इसका मतलब है कि आपको अपने लोन पर अधिक ब्याज चुकाना पड़ेगा, जिससे आपकी EMI बढ़ जाएगी। अगर आपका स्कोर इस रेंज में है, तो आपको अपने बिल और EMI का समय पर भुगतान करके इसे सुधारने की कोशिश करनी चाहिए।

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सिबिल स्कोर 650-749

सिबिल स्कोर 650 से 749 के बीच होने पर, इसे अच्छा या सही सिबिल स्कोर माना जाता है। इस रेंज का स्कोर दर्शाता है कि आप अपने वित्तीय दायित्वों को लगभग नियमित रूप से पूरा करते हैं। इस रेंज के सिबिल स्कोर पर बैंक आपको लोन देने के लिए तैयार होते हैं, और आपको अच्छी ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना भी अधिक होती है। हालांकि, अगर आप और भी बेहतर ब्याज दरें और लोन की शर्तें चाहते हैं, तो आपको अपने सिबिल स्कोर को और अधिक बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए, आपको अपने सभी बिल और EMI का समय पर भुगतान करना जारी रखना चाहिए और नए लोन लेने से बचना चाहिए।

सिबिल स्कोर 750-900

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सिबिल स्कोर 750 से 900 के बीच होना सबसे उत्तम माना जाता है। इस रेंज का स्कोर यह दर्शाता है कि आप वित्तीय रूप से बहुत अनुशासित हैं और अपने सभी वित्तीय दायित्वों को समय पर पूरा करते हैं। आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बहुत अच्छी है, और आप एक विश्वसनीय उधारकर्ता हैं। इस रेंज के सिबिल स्कोर पर बैंक आपको तुरंत और आसानी से लोन देने के लिए तैयार होते हैं। आपको सबसे कम ब्याज दरों पर लोन मिलता है, और आपकी लोन राशि भी अधिक हो सकती है। बैंक आपको अन्य विशेष लाभ भी दे सकते हैं, जैसे कम प्रोसेसिंग फीस, लंबा चुकौती कार्यकाल, आदि। इसलिए, हर व्यक्ति को इस रेंज में अपना सिबिल स्कोर बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।

सिबिल स्कोर बढ़ाने के उपाय

अगर आपका सिबिल स्कोर कम है और आप इसे बढ़ाना चाहते हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले, अपने सभी क्रेडिट कार्ड बिल और लोन EMI का समय पर भुगतान करें। देरी से भुगतान आपके सिबिल स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। दूसरा, अपने क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट का 30% से कम उपयोग करें। अधिक क्रेडिट उपयोग आपके स्कोर को कम करता है। तीसरा, बार-बार नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें। हर बार जब आप आवेदन करते हैं, तो सिबिल आपका स्कोर चेक करता है, जिससे आपके स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अंत में, अपने क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित रूप से जांच करें और किसी भी गलती को तुरंत सुधारें।

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सिबिल स्कोर चेक करने का तरीका

अपना सिबिल स्कोर जानना बहुत जरूरी है, खासकर अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं। आप अपना सिबिल स्कोर कई तरीकों से चेक कर सकते हैं। सबसे पहले, आप सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना स्कोर चेक कर सकते हैं। साल में एक बार आपको अपना सिबिल स्कोर मुफ्त में देखने का अधिकार है। इसके अलावा, कई बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने ग्राहकों को मुफ्त में सिबिल स्कोर की जानकारी देती हैं। कई मोबाइल ऐप और वेबसाइट भी हैं जो आपको अपना सिबिल स्कोर चेक करने की सुविधा देती हैं। नियमित रूप से अपना सिबिल स्कोर चेक करना एक अच्छी आदत है, क्योंकि इससे आप अपनी वित्तीय स्थिति की निगरानी कर सकते हैं और किसी भी समस्या को समय रहते पहचान सकते हैं।

कम सिबिल स्कोर के साथ लोन लेने के विकल्प

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अगर आपका सिबिल स्कोर कम है और आपको तत्काल लोन की आवश्यकता है, तो भी कुछ विकल्प हो सकते हैं। कई नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) कम सिबिल स्कोर वाले लोगों को लोन देती हैं, हालांकि ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं। आप को-ऐप्लिकेंट या गारंटर के साथ लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसका सिबिल स्कोर अच्छा हो। आप संपत्ति के खिलाफ सुरक्षित लोन ले सकते हैं, जैसे गोल्ड लोन, जहां सिबिल स्कोर की जांच कम सख्त होती है। आप पी2पी लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी विचार कर सकते हैं, जो परंपरागत बैंकों की तुलना में कम सख्त हो सकते हैं। हालांकि, याद रखें कि इन विकल्पों में अक्सर अधिक ब्याज दरें और सख्त शर्तें होती हैं।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। सिबिल स्कोर और लोन से संबंधित नियम और प्रक्रियाएं समय-समय पर बदल सकती हैं। इसलिए, कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार या बैंक अधिकारी से परामर्श करना उचित होगा। लेख में दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है, लेकिन लेखक या प्रकाशक किसी भी गलती या चूक के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। हर व्यक्ति की वित्तीय स्थिति अलग होती है, इसलिए व्यक्तिगत वित्तीय निर्णय लेते समय अपनी विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखें। अंतिम सटीक जानकारी के लिए कृपया सिबिल या संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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