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खराब सिबिल स्कोर होने पर भी ऐसे पाएं Credit Card – जानिए 4 आसान तरीके CIBIL Score

By Meera Sharma

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CIBIL Score

CIBIL Score: आज के आधुनिक समय में क्रेडिट कार्ड हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह न केवल हमें बिना नकद के भुगतान करने की सुविधा देता है, बल्कि आपातकालीन स्थिति में वित्तीय मदद भी करता है। परंतु क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए बैंक और वित्तीय संस्थान आमतौर पर अच्छे सिबिल स्कोर की अपेक्षा करते हैं। 750 से अधिक का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है, और इस स्कोर पर क्रेडिट कार्ड आसानी से मिल जाता है। लेकिन क्या होगा अगर आपका सिबिल स्कोर कम है या फिर आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं है?

सिबिल स्कोर क्या है और यह कैसे काम करता है

सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और भुगतान व्यवहार के आधार पर निर्धारित की जाती है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। सिबिल स्कोर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को यह जानने में मदद करता है कि आप कितने विश्वसनीय उधारकर्ता हैं। उच्च सिबिल स्कोर का अर्थ है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता हैं और समय पर अपने ऋण का भुगतान करते हैं। निम्न सिबिल स्कोर का अर्थ है कि आपके भुगतान इतिहास में कुछ समस्याएं रही हैं, जैसे देरी से भुगतान या डिफॉल्ट।

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कम सिबिल स्कोर वालों के लिए सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड

यदि आपका सिबिल स्कोर कम है, तो सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड एक ऐसा कार्ड है जो आपको फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के आधार पर दिया जाता है। इसके लिए आपको बैंक में कम से कम 10,000 रुपये की एफडी करवानी होती है। बैंक इस एफडी के खिलाफ आपको क्रेडिट कार्ड जारी करता है, जिसकी क्रेडिट लिमिट आमतौर पर आपकी एफडी के 80-90% के बराबर होती है। सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय बैंक आपके सिबिल स्कोर की जांच नहीं करता, क्योंकि उनका पैसा एफडी के रूप में सुरक्षित होता है।

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड के फायदे और विकल्प

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सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड न केवल आपको क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान करता है, बल्कि समय पर भुगतान करने से आपका सिबिल स्कोर भी सुधरता है। भारत में कई बैंक सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड प्रदान करते हैं, जैसे एसबीआई एडवांटेज प्लस, एक्सिस बैंक इंस्टा ईजी, और आईसीआईसीआई बैंक कोरल सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड। ये कार्ड विभिन्न प्रकार के लाभ जैसे रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक, और फ्यूल सरचार्ज छूट प्रदान करते हैं। इस प्रकार का कार्ड लेने से पहले विभिन्न बैंकों के ऑफर की तुलना करना फायदेमंद होगा।

सह-आवेदक या गारंटर के साथ क्रेडिट कार्ड

दूसरा विकल्प है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सह-आवेदक या गारंटर बनकर क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें, जिसका सिबिल स्कोर अच्छा हो। यह व्यक्ति आपका परिवार का सदस्य या मित्र हो सकता है। इस तरह से, बैंक के लिए जोखिम कम हो जाता है और आपके कार्ड की मंजूरी की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप समय पर अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करते हैं, तो इससे न केवल आपका बल्कि आपके सह-आवेदक या गारंटर का सिबिल स्कोर भी सुधरता है। हालांकि, यदि आप भुगतान में चूक करते हैं, तो दोनों का सिबिल स्कोर प्रभावित होगा।

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एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियों से क्रेडिट कार्ड

बड़े बैंकों के अलावा, आप गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) या फिनटेक प्लेटफॉर्म से भी क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। कंपनियां जैसे स्लाइस, वनकार्ड और लेजीपे कम सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को भी सीमित क्रेडिट लिमिट पर कार्ड प्रदान करती हैं। इन कंपनियों की आवेदन प्रक्रिया सरल होती है और कई बार तत्काल मंजूरी भी मिल जाती है। ये कार्ड आम तौर पर कम दस्तावेज़ के साथ जारी किए जाते हैं और ईएमआई तथा यूपीआई भुगतान की सुविधा भी प्रदान करते हैं।

फिनटेक कार्ड के फायदे और सावधानियां

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फिनटेक कंपनियों द्वारा जारी किए गए क्रेडिट कार्ड कई अनूठे लाभ प्रदान करते हैं, जैसे उपयोग के आधार पर ईएमआई विकल्प, रियल-टाइम खर्च ट्रैकिंग और मोबाइल ऐप के माध्यम से आसान प्रबंधन। हालांकि, इन कार्डों का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतना भी आवश्यक है। इनकी ब्याज दरें परंपरागत बैंक क्रेडिट कार्ड से अधिक हो सकती हैं, और कुछ छिपे हुए शुल्क भी हो सकते हैं। इसलिए, कार्ड लेने से पहले सभी नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समझें।

क्रेडिट बिल्डर कार्ड का विकल्प

कुछ वित्तीय संस्थान विशेष रूप से “क्रेडिट बिल्डर कार्ड” प्रदान करते हैं, जो विशेष रूप से कम या कोई सिबिल स्कोर नहीं रखने वालों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये कार्ड आमतौर पर कम क्रेडिट लिमिट (1,000 से 10,000 रुपये) के साथ आते हैं और इनकी आवेदन प्रक्रिया भी सरल होती है। इन कार्डों का मुख्य उद्देश्य आपको एक क्रेडिट इतिहास बनाने में मदद करना है। हर महीने समय पर अपने बिल का भुगतान करके, आप धीरे-धीरे अपना सिबिल स्कोर सुधार सकते हैं और बाद में अधिक क्रेडिट लिमिट वाले कार्ड के लिए पात्र बन सकते हैं।

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सिबिल स्कोर सुधारने के महत्वपूर्ण उपाय

जबकि कम सिबिल स्कोर पर क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना संभव है, लंबे समय में अपने सिबिल स्कोर को सुधारना महत्वपूर्ण है। इसके लिए कुछ प्रभावी उपाय हैं। सबसे पहले, अपने सभी ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान सुनिश्चित करें। देरी से भुगतान या भुगतान में चूक आपके सिबिल स्कोर को काफी प्रभावित कर सकती है। दूसरा, अपने क्रेडिट उपयोग अनुपात को 30% से कम रखें, यानी अपनी कुल क्रेडिट लिमिट का 30% से कम उपयोग करें। तीसरा, पुराने लोन का सही तरीके से निपटान करें और इसके लिए बैंक से नो-ड्यू सर्टिफिकेट प्राप्त करें।

बार-बार आवेदन करने से बचें

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एक महत्वपूर्ण बात यह है कि क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार आवेदन करने से बचें। हर बार जब आप क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्थान आपके सिबिल स्कोर की जांच करता है। इस प्रकार की हार्ड इंक्वायरी से आपका सिबिल स्कोर कम हो सकता है। यदि आपका आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है, तो कम से कम 3-6 महीने तक प्रतीक्षा करने के बाद ही फिर से आवेदन करें। इस बीच, अपने सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए काम करें और विभिन्न विकल्पों पर विचार करें।

क्रेडिट कार्ड के जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग का महत्व

क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के बाद, इसका जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है। अपने वित्तीय लक्ष्यों और सीमाओं के अनुसार खर्च करें और हर महीने समय पर अपने बिल का भुगतान करें। यदि संभव हो, तो न्यूनतम देय राशि के बजाय पूरी बकाया राशि का भुगतान करें। इससे न केवल आपका सिबिल स्कोर सुधरेगा, बल्कि आप अनावश्यक ब्याज शुल्क से भी बचेंगे। याद रखें, क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय उपकरण है, और जैसे किसी भी उपकरण के साथ, इसका सही उपयोग फायदेमंद होता है, जबकि दुरुपयोग नुकसानदायक हो सकता है।

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डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। क्रेडिट कार्ड और सिबिल स्कोर से संबंधित नियम और प्रक्रियाएं समय के साथ बदल सकती हैं, इसलिए किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना उचित रहेगा। प्रत्येक व्यक्ति की वित्तीय स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं, इसलिए जो विकल्प एक व्यक्ति के लिए उपयुक्त है, वह दूसरे के लिए नहीं भी हो सकता है। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार के नुकसान या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे, जो इस लेख में दी गई जानकारी पर निर्भरता के परिणामस्वरूप हो सकती है।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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