Electricity Theft: उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी को रोकने के लिए यूपीपीसीएल ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब बिजली विभाग ट्रांसफार्मर से लेकर घरों तक जाने वाली तारों की पूरी व्यवस्था में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इस नई व्यवस्था से न केवल बिजली चोरी पर लगाम लगेगी बल्कि बिजली की हर यूनिट का सही हिसाब भी रखा जा सकेगा।
ट्रांसफार्मर पर लगेंगे स्मार्ट मीटर
यूपीपीसीएल की नई योजना के तहत सभी ट्रांसफार्मरों पर डिस्ट्रीब्यूशन मीटर लगाए जा रहे हैं। ये मीटर बताएंगे कि किसी ट्रांसफार्मर से कितनी बिजली निकली और उसमें से उपभोक्ताओं ने कितनी बिजली का इस्तेमाल किया। इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि कहां और कितनी बिजली की चोरी हो रही है। जिले में कुल 3,700 ट्रांसफार्मरों पर ये स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 500 मीटर लगाए जा चुके हैं।
यूपीपीसीएल का विशाल नेटवर्क
उत्तर प्रदेश में यूपीपीसीएल का बहुत बड़ा नेटवर्क है। केवल एक जिले में ही 7.26 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इन सभी को बिजली देने के लिए 50 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर लगे हैं। इसके अलावा 127 बिजलीघरों में अलग-अलग क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर काम कर रहे हैं। इनमें छोटे से लेकर बड़े आकार के सभी प्रकार के ट्रांसफार्मर शामिल हैं।
नई तकनीक से मिलने वाले फायदे
डिस्ट्रीब्यूशन मीटर लगाने से बिजली व्यवस्था में कई सुधार होंगे। सबसे पहले तो ऊर्जा प्रबंधन बेहतर हो जाएगा। लाइन लॉस पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। बिजली चोरी की तुरंत पहचान हो जाएगी। ट्रांसफार्मर पर ओवरलोडिंग की समस्या का पता चल जाएगा। साथ ही हर ट्रांसफार्मर की क्षमता और उससे जुड़े कनेक्शनों का पूरा डेटा उपलब्ध रहेगा।
मजबूत केबलों का उपयोग
बिजली चोरी रोकने के लिए अब पुरानी बंच केबल की जगह आर्मर्ड कंडक्टर केबल का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये केबलें बहुत मजबूत होती हैं और इन्हें काटना या छेदना बहुत मुश्किल है। इससे तार काटकर या बायपास करके होने वाली बिजली चोरी पर रोक लगेगी। ये केबलें अलग-अलग होती हैं जिससे इनकी सुरक्षा और भी बढ़ जाती है।
मीटर तक की केबल भी सुरक्षित
खंभे से मीटर तक जाने वाली केबल को भी अब आर्मर्ड केबल से बदला जा रहा है। इस केबल में पीवीसी की परत के साथ-साथ लोहे की मजबूत परत भी होती है। यह परत केबल को काटने या उसमें छेद करने से बचाती है। अब लोग बिना मीटर के सीधे तार जोड़कर या मीटर को बायपास करके बिजली नहीं चुरा सकेंगे।
आधुनिक निगरानी व्यवस्था
यूपीपीसीएल की नई रणनीति के तहत अब मशीनों की मदद से निगरानी की जाएगी। आधुनिक तकनीक से बिजली की खपत को ट्रैक किया जाएगा। सुरक्षित केबलिंग से उन लोगों की पहचान होगी जो गैरकानूनी तरीके से बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस पूरी व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य हर यूनिट बिजली का सही हिसाब रखना और अनाधिकृत खपत को रोकना है।
नई व्यवस्था से बचेगी बिजली
यूपीपीसीएल की इस नई पहल से बिजली की बचत होगी और चोरी पर अंकुश लगेगा। जब हर यूनिट का हिसाब होगा तो बिजली की बर्बादी भी कम होगी। इससे ईमानदार उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति मिलेगी और विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा। यह पहल उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अस्वीकरण: यह जानकारी समाचार स्रोतों से प्राप्त की गई है। किसी भी प्रकार की कानूनी या तकनीकी सलाह के लिए संबंधित विभाग से संपर्क करें।