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पेंशन के लिए PF खाताधारकों को कितने साल नौकरी करना है जरूरी, जान लें EPFO के नियम EPFO

By Meera Sharma

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EPFO

EPFO: प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड) एक महत्वपूर्ण बचत योजना है, जो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। हर महीने वेतन का एक निश्चित प्रतिशत इस खाते में जमा होता है, जिससे कर्मचारियों का एक बड़ा फंड तैयार होता है। इस बचत का मुख्य उद्देश्य सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन के रूप में नियमित आय और एकमुश्त राशि प्रदान करना है। पीएफ खाताधारकों को कर्मचारी पेंशन योजना-95 (EPS-95) के अंतर्गत पेंशन का लाभ प्राप्त होता है, लेकिन इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें पूरी करना आवश्यक होता है।

EPS-95

कर्मचारी पेंशन योजना-95 (EPS-95) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा 19 नवंबर 1995 को शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पेंशन योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। EPS-95 के अंतर्गत, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान एक पेंशन फंड में जमा होता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को नियमित मासिक पेंशन मिलती है। यह योजना संगठित क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों को लाभान्वित कर रही है और उनके बुढ़ापे की आर्थिक चिंताओं को कम करने में सहायक है।

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पेंशन के लिए कितने साल की सेवा है अनिवार्य

EPFO के नियमों के अनुसार, कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) का लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 वर्ष की सेवा पूरी करनी होती है। यह सेवा अवधि एक ही संस्थान में या विभिन्न संस्थानों में पूरी की जा सकती है, बशर्ते कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) एक ही हो। EPFO के नियमों में एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह है कि यदि कोई कर्मचारी 9 साल 6 महीने की सेवा पूरी करता है, तो उसे 10 वर्ष के बराबर माना जाता है और उसे पेंशन का लाभ मिल जाता है। लेकिन अगर सेवा अवधि 9 साल 6 महीने से कम है, तो उसे केवल 9 वर्ष ही गिना जाएगा और इस स्थिति में कर्मचारी पेंशन का हकदार नहीं होता।

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कई कर्मचारियों के मन में यह सवाल उठता है कि अगर वे दो या अधिक अलग-अलग कंपनियों में काम करते हैं और बीच में कुछ समय का अंतराल भी होता है, तो क्या उन्हें पेंशन का लाभ मिलेगा। EPFO के नियमों के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी ने विभिन्न कंपनियों में काम किया है और नौकरियों के बीच में अंतराल भी रहा है, तब भी वह पेंशन का हकदार होगा, बशर्ते उसका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) एक ही हो। एक ही UAN होने पर उसकी सभी नौकरियों की सेवा अवधि को जोड़कर गिना जाता है, और अगर यह अवधि कुल मिलाकर 10 वर्ष या उससे अधिक होती है, तो उसे पेंशन का लाभ मिलता है।

PF कटौती की गणना कैसे होती है

प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन से हर महीने PF के रूप में एक निश्चित राशि काटी जाती है, जो उनके भविष्य निधि खाते में जमा होती रहती है। वर्तमान नियमों के अनुसार, कर्मचारी के मूल वेतन (बेसिक सैलरी) और महंगाई भत्ते (DA) का 12 प्रतिशत हिस्सा PF में जाता है। इस 12 प्रतिशत राशि को पूरा का पूरा EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) में जमा किया जाता है। दूसरी ओर, नियोक्ता का 12 प्रतिशत योगदान दो हिस्सों में विभाजित होता है – 8.33 प्रतिशत EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) में और शेष 3.67 प्रतिशत EPF में जमा होता है। यह विभाजन इस तरह से किया जाता है ताकि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को दोनों तरह के लाभ – पेंशन और एकमुश्त राशि मिल सके।

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EPS-95 के तहत मिलने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशन

EPS-95 योजना के अंतर्गत कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को विभिन्न प्रकार की पेंशन का लाभ मिलता है। इनमें सबसे पहले विधवा पेंशन है, जो कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी को प्रदान की जाती है। यदि विधवा दोबारा विवाह करती है, तो यह पेंशन बच्चों को हस्तांतरित हो जाती है। इसके अलावा, विधवा पेंशन के साथ ही बच्चों को भी बाल पेंशन का अतिरिक्त लाभ मिलता है। अगर माता-पिता दोनों का देहांत हो जाता है, तो बच्चों को अनाथ पेंशन प्रदान की जाती है। विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि कर्मचारी के स्थायी रूप से विकलांग हो जाने पर, उसे विकलांगता पेंशन का लाभ मिलता है, भले ही उसने निर्धारित सेवा अवधि पूरी न की हो।

पेंशन कब से मिलनी शुरू होती है

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EPS-95 योजना के नियमों के अनुसार, पेंशन का भुगतान कर्मचारी के 58 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद शुरू होता है। हालांकि, यदि कोई कर्मचारी अपनी पेंशन 58 वर्ष की बजाय 60 वर्ष की आयु से लेना शुरू करता है, तो उसे 4 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन का लाभ मिलता है। यह प्रावधान उन कर्मचारियों को प्रोत्साहित करता है जो थोड़े और समय तक काम करना चाहते हैं और बाद में अधिक पेंशन प्राप्त करना चाहते हैं। इसके विपरीत, यदि कोई कर्मचारी 50 वर्ष की आयु के बाद पेंशन लेना चाहता है, तो उसे कम पेंशन मिलती है, जिसकी गणना एक निश्चित फार्मूले के आधार पर की जाती है।

पेंशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया

EPS-95 योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। वैकल्पिक रूप से, कर्मचारी अपने नियोक्ता के माध्यम से भी आवेदन कर सकता है। आवेदन के समय कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो और नियुक्ति पत्र आदि जमा करना आवश्यक होता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी दस्तावेज सही और अद्यतन हों, ताकि पेंशन प्रक्रिया में कोई बाधा न आए और कर्मचारी को समय पर लाभ मिल सके।

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यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) का महत्व

यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) EPFO द्वारा प्रत्येक कर्मचारी को दिया जाने वाला एक विशिष्ट 12 अंकों का नंबर होता है, जो कर्मचारी के पूरे कार्यकाल के दौरान अपरिवर्तित रहता है। UAN का महत्व इस बात में है कि यह कर्मचारी के सभी PF खातों को एक साथ जोड़ता है, भले ही वह कितनी भी कंपनियों में काम करे। UAN के माध्यम से, कर्मचारी अपने PF खाते की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है, बैलेंस चेक कर सकता है और ऑनलाइन क्लेम भी कर सकता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि कर्मचारी के पास एक ही UAN हो और नौकरी बदलने पर वह इसे अपने नए नियोक्ता को अवश्य बताए।

EPFO की अन्य लाभकारी सुविधाएं

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EPFO पेंशन के अलावा भी कई अन्य लाभकारी सुविधाएं प्रदान करता है, जो कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इनमें गृह निर्माण ऋण, चिकित्सा आपात स्थिति में आंशिक निकासी, बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए आंशिक निकासी, और बेरोजगारी के दौरान वित्तीय सहायता शामिल हैं। इसके अलावा, EPFO अपने सदस्यों को निश्चित ब्याज दर पर रिटर्न भी प्रदान करता है, जो उनकी बचत को बढ़ाने में सहायक होता है। ये सभी सुविधाएं EPFO को प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के लिए एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाती हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित पेंशन योजना प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इस योजना के माध्यम से, कर्मचारी न केवल अपने बुढ़ापे के लिए बचत कर पाते हैं, बल्कि पेंशन के रूप में एक नियमित आय भी सुनिश्चित कर पाते हैं। हालांकि, इस योजना का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को कम से कम 10 वर्ष की सेवा पूरी करनी होती है और यह सुनिश्चित करना होता है कि उनका UAN एक ही रहे। इन नियमों और प्रक्रियाओं को समझकर, कर्मचारी EPFO की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं और अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बना सकते हैं।

Disclaimer

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यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसमें दी गई जानकारी EPFO द्वारा प्रदान की गई आधिकारिक जानकारी पर आधारित है। हालांकि, EPFO के नियमों और प्रक्रियाओं में समय-समय पर परिवर्तन हो सकते हैं। इसलिए, पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निर्णय लेने से पहले EPFO की आधिकारिक वेबसाइट या अधिकृत कार्यालय से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के परिणामों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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