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कर्मचारियों को 15 साल की नौकरी पर मिलेगी 6,49,038 रुपये ग्रेच्युटी, समझ लें कैलकुलेशन Gratuity Rule

By Meera Sharma

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Gratuity Rule

Gratuity Rule: ग्रेच्युटी एक प्रकार का आर्थिक लाभ है जो नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारियों को दीर्घकालिक सेवा के लिए दिया जाता है। यह कर्मचारियों की निष्ठावान और लगातार सेवा के लिए एक पुरस्कार के रूप में कार्य करता है। भारत में, जब कोई कर्मचारी किसी संगठन या कंपनी में लगातार पांच वर्ष या उससे अधिक समय तक कार्य करता है, तो वह नौकरी छोड़ने पर ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी होता है। यह राशि कर्मचारी को उसकी सेवानिवृत्ति, त्यागपत्र, या दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार को प्रदान की जाती है।

ग्रेच्युटी का महत्व

ग्रेच्युटी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा जाल है। यह राशि आपकी लंबी सेवा अवधि का सम्मान करती है और आपके सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन में आर्थिक सहायता प्रदान करती है। ग्रेच्युटी एक ऐसा धन है जिसे कर्मचारी अपने भविष्य की योजनाओं, जैसे घर खरीदना, बच्चों की शिक्षा या अन्य महत्वपूर्ण खर्चों के लिए उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, ग्रेच्युटी पर कर छूट भी मिलती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है।

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ग्रेच्युटी की गणना का सटीक फॉर्मूला

ग्रेच्युटी की गणना एक विशेष फॉर्मूले के आधार पर की जाती है, जिसमें कर्मचारी की अंतिम सैलरी, सेवा के वर्ष और एक निश्चित गुणांक शामिल होते हैं। फॉर्मूला निम्नलिखित है:

ग्रेच्युटी = अंतिम सैलरी × सेवा के वर्ष × 15/26

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यहां, अंतिम सैलरी में आपका मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन (यदि कोई हो) शामिल होते हैं। 15 यहां 15 दिन के वेतन को दर्शाता है, और 26 एक महीने में काम के दिनों की संख्या है (30 दिनों में से रविवार और अन्य छुट्टियों को घटाकर)।

उदाहरण से समझें ग्रेच्युटी की गणना

आइए एक उदाहरण से समझते हैं कि किसी कर्मचारी को 15 साल की सेवा के बाद कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी। मान लीजिए किसी कर्मचारी ने एक कंपनी में 15 साल तक काम किया है और उसकी अंतिम मासिक सैलरी 75,000 रुपये है। इस स्थिति में, उसकी ग्रेच्युटी की गणना इस प्रकार होगी:

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ग्रेच्युटी = 75,000 × 15 × 15/26 = 6,49,038 रुपये

इस प्रकार, 15 साल की सेवा के बाद इस कर्मचारी को 6,49,038 रुपये की ग्रेच्युटी प्राप्त होगी। यह एक महत्वपूर्ण राशि है जो उसके भविष्य के लिए एक मजबूत आर्थिक आधार प्रदान करेगी।

ग्रेच्युटी एक्ट और नियम

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भारत में ग्रेच्युटी का भुगतान ‘पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972’ के अंतर्गत नियंत्रित होता है। यह कानून उन संगठनों पर लागू होता है जिनमें कम से कम 10 कर्मचारी कार्यरत हैं। हालांकि, यदि कोई कंपनी इस एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं है, तो भी वह अपनी इच्छा से कर्मचारियों को ग्रेच्युटी दे सकती है। ऐसी स्थिति में, गणना का फॉर्मूला थोड़ा भिन्न हो सकता है, जैसे 26 दिनों के बजाय 30 दिनों का उपयोग किया जा सकता है।

ग्रेच्युटी की गणना के लिए अंतिम वेतन का निर्धारण एक महत्वपूर्ण कदम है। आमतौर पर, अंतिम वेतन में पिछले 10 महीनों के वेतन का औसत निकाला जाता है। इसमें मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन (यदि कोई हो) शामिल किए जाते हैं। अन्य भत्ते जैसे यात्रा भत्ता, बोनस आदि को आमतौर पर इसमें शामिल नहीं किया जाता है। कर्मचारियों को अपने वेतन विवरण को समझना चाहिए ताकि वे अपनी ग्रेच्युटी की सही गणना कर सकें।

ग्रेच्युटी पर कर छूट

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ग्रेच्युटी पर आयकर अधिनियम के तहत कर छूट का प्रावधान है। वर्तमान में, 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी राशि पर कोई कर नहीं लगता है। इससे अधिक राशि पर कर्मचारी को अपनी आय के अनुसार आयकर देना होगा। यह छूट ग्रेच्युटी को और भी आकर्षक बनाती है और कर्मचारियों को अपने भविष्य के लिए बचत करने में मदद करती है।

ग्रेच्युटी दावा प्रक्रिया

यदि आप ग्रेच्युटी का दावा करना चाहते हैं, तो आपको अपने नियोक्ता को एक औपचारिक आवेदन देना होगा। आवेदन में अपना नाम, पद, सेवा अवधि और अन्य आवश्यक विवरण शामिल करें। नियोक्ता को आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर ग्रेच्युटी का भुगतान करना होता है। यदि भुगतान में देरी होती है, तो नियोक्ता को ब्याज के साथ भुगतान करना पड़ सकता है।

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ग्रेच्युटी के लिए पात्रता की शर्तें

सभी कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने के पात्र नहीं होते हैं। इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं। पहली और सबसे महत्वपूर्ण शर्त है कि कर्मचारी ने संगठन में कम से कम 5 साल की निरंतर सेवा पूरी की हो। हालांकि, यदि कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता के कारण सेवा समाप्त होती है, तो 5 साल की शर्त लागू नहीं होती है। इसके अलावा, कर्मचारी को नौकरी से निकाला गया हो या उसने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया हो, दोनों ही स्थितियों में वह ग्रेच्युटी का हकदार है।

ग्रेच्युटी एक महत्वपूर्ण कर्मचारी लाभ है जो आपकी लंबी सेवा के लिए एक पुरस्कार के रूप में कार्य करता है। प्रत्येक कर्मचारी को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना चाहिए और ग्रेच्युटी की गणना कैसे की जाती है, यह जानना चाहिए। यदि आप पांच साल या उससे अधिक समय तक एक ही संगठन में काम कर चुके हैं, तो आप ग्रेच्युटी पाने के अधिकारी हैं। अपनी ग्रेच्युटी की गणना स्वयं करें और सुनिश्चित करें कि आपको सही राशि मिल रही है। यह आपका अधिकार है और आपकी लंबी और निष्ठावान सेवा का एक महत्वपूर्ण प्रतिफल है।

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Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। ग्रेच्युटी संबंधी नियम और कानून समय-समय पर बदल सकते हैं। किसी भी कानूनी या वित्तीय निर्णय लेने से पहले, कृपया विशेषज्ञों से परामर्श करें या नवीनतम सरकारी नियमों की जांच करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी गलत जानकारी या इस लेख के आधार पर लिए गए निर्णयों के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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