Advertisement

कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, कर दी ये गलती तो अब नहीं मिलेगा ग्रेच्‍युटी का पैसा Gratuity Rule 2025

By Meera Sharma

Published On:

Gratuity Rule 2025

Gratuity Rule 2025: ग्रेच्युटी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ है जो लंबे समय तक सेवा करने के बाद एक प्रकार के प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है। यह राशि कर्मचारी के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने में मदद करती है। हालांकि, कई कर्मचारी ग्रेच्युटी से जुड़े महत्वपूर्ण नियमों से अनजान रहते हैं, जिसके कारण वे इस लाभ से वंचित हो सकते हैं। आइए जानें ग्रेच्युटी से संबंधित सभी जरूरी नियमों के बारे में जिन्हें हर कर्मचारी को अवश्य पता होना चाहिए।

ग्रेच्युटी क्या है और यह कब मिलती है

ग्रेच्युटी एक ऐसी राशि है जो कंपनी या संगठन द्वारा कर्मचारी को उसकी लंबी और निष्ठापूर्ण सेवा के बदले में दी जाती है। यह तब मिलती है जब कोई कर्मचारी किसी संस्था में लगातार पांच वर्ष या उससे अधिक समय तक कार्य करता है। ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी का पांच साल की सेवा पूरी करना अनिवार्य है। यह राशि सेवानिवृत्ति, इस्तीफा, या कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में मिलती है और इसे कर्मचारी की सेवा अवधि और अंतिम प्राप्त वेतन के आधार पर गणना की जाती है।

यह भी पढ़े:
8th CPC न्यूनतम बेसिक सैलरी में इतने % वृद्धि का हुआ ऐलान 8th CPC

कंपनी पर ग्रेच्युटी नियमों का प्रभाव

ग्रेच्युटी के नियम सभी कंपनियों पर एक समान लागू नहीं होते। ये नियम उन्हीं कंपनियों पर लागू होते हैं जहां कम से कम दस कर्मचारी कार्यरत हों और कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत हो। ऐसी कंपनियों में यदि कोई कर्मचारी चार साल आठ महीने तक लगातार काम करता है, तो उसे पांच वर्ष का समय पूरा माना जाएगा और वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार होगा। इसके विपरीत, यदि कोई कर्मचारी चार साल आठ महीने से कम समय तक काम करता है, तो उसे ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी।

ग्रेच्युटी कब रुक सकती है

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission HRA में बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा लाभ 8th Pay Commission

कुछ विशेष परिस्थितियों में कंपनी कर्मचारी की ग्रेच्युटी रोक सकती है। यदि किसी कर्मचारी पर अनैतिक व्यवहार का आरोप साबित होता है या उसकी लापरवाही के कारण कंपनी को आर्थिक नुकसान होता है, तो कंपनी उसकी ग्रेच्युटी राशि को रोक सकती है। हालांकि, कंपनी केवल उतनी ही राशि काट सकती है जितना नुकसान कंपनी को हुआ है। इससे अधिक राशि रोकना कानूनी रूप से उचित नहीं है।

कंपनी को नोटिस जारी करना आवश्यक

किसी भी कर्मचारी की ग्रेच्युटी रोकने से पहले कंपनी को एक औपचारिक नोटिस जारी करना पड़ता है। इस नोटिस में ग्रेच्युटी रोकने का कारण स्पष्ट रूप से बताना होता है और साथ ही इसके समर्थन में पर्याप्त सबूत भी पेश करने होते हैं। नोटिस जारी करने के बाद कंपनी को कर्मचारी का पक्ष सुनना अनिवार्य है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ही यह निर्णय लिया जा सकता है कि ग्रेच्युटी रोकी जाए या नहीं।

यह भी पढ़े:
DA Arrears News 18 महीने के बकाया डीए को लेकर सरकार ने किया ऐलान DA Arrears News

बिना कारण ग्रेच्युटी नहीं रोकी जा सकती

कोई भी कंपनी बिना किसी वैध कारण के कर्मचारी की ग्रेच्युटी नहीं रोक सकती। यदि कोई कंपनी ऐसा करती है तो कर्मचारी कानूनी कार्रवाई कर सकता है। कर्मचारी पहले कंपनी को एक कानूनी नोटिस भेज सकता है, और यदि फिर भी कंपनी ग्रेच्युटी नहीं देती है तो वह जिला श्रम आयुक्त से शिकायत कर सकता है। अगर कंपनी दोषी पाई जाती है तो उसे ग्रेच्युटी की राशि के साथ-साथ जुर्माना और ब्याज भी देना पड़ सकता है।

ग्रेच्युटी से संबंधित सुझाव

यह भी पढ़े:
DA Hike 4% डीए बढ़ने के साथ साथ, इतने % बढ़ेगी पेंशन DA Hike

कर्मचारियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और ग्रेच्युटी से जुड़े नियमों की जानकारी रखनी चाहिए। यदि आप किसी कंपनी में पांच साल से अधिक समय तक काम कर चुके हैं तो आप ग्रेच्युटी के हकदार हैं। अपने रोजगार अनुबंध और कंपनी की नीतियों को अच्छी तरह से समझें। यदि किसी भी प्रकार की समस्या आती है, तो तुरंत कानूनी सलाह लें। याद रखें, ग्रेच्युटी आपका अधिकार है और इसे बिना कारण रोका नहीं जा सकता।

अस्वीकरण: यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। विशिष्ट मामलों के लिए कृपया विशेषज्ञ की सलाह लें।

यह भी पढ़े:
Monsoon Update मॉनूसन को लेकर बड़ा अपडेट, IMD ने बताया इस तारीख को करेगा एंट्री Monsoon Update
5 seconds remaining

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group