Advertisement

लगातार होम लोन की 3 ईएमआई बाउंस होने पर बैंक क्या लेगा एक्शन, लोन लेने वाले जान लें जरूरी बात Home Loan EMI Rule

By Meera Sharma

Published On:

Home Loan EMI Rule

Home Loan EMI Rule: आज के समय में अपना एक घर होना हर व्यक्ति का सपना होता है। लेकिन बढ़ती महंगाई और आसमान छूती प्रॉपर्टी की कीमतों के कारण यह सपना पूरा करना आसान नहीं है। इसी कारण अधिकतर लोग अपने घर के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। होम लोन एक लंबी अवधि का बड़ा कर्ज होता है, जिसे चुकाने में 15 से 30 साल तक का समय लग सकता है। हालांकि होम लोन लेना जितना आसान हो गया है, उसे नियमित रूप से चुकाना उतना ही चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए होम लोन लेने से पहले उससे जुड़े नियमों और शर्तों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।

होम लोन EMI

होम लोन लेने के बाद सबसे महत्वपूर्ण होता है उसकी मासिक किस्त (EMI) का समय पर भुगतान करना। कई बार आर्थिक परेशानियों, नौकरी छूटने या अन्य व्यक्तिगत कारणों से EMI का भुगतान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में कुछ लोग EMI का भुगतान नहीं कर पाते हैं और इसके कारण EMI बाउंस हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपकी होम लोन की लगातार तीन EMI बाउंस हो जाती हैं, तो बैंक क्या कार्रवाई कर सकता है? यह जानकारी हर होम लोन लेने वाले के लिए बहुत जरूरी है, ताकि वे समय रहते सावधानी बरत सकें और परेशानी से बच सकें।

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission 8वें वेतन लागू होने पर HRA दरों में क्या होगा बदलाव? जानें बढ़ेगा या घटेगा? 8th Pay Commission

एक किस्त बाउंस

जब किसी ग्राहक की होम लोन की पहली EMI बाउंस होती है, तो बैंक इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता है। बैंक को लगता है कि शायद किसी अस्थायी वित्तीय समस्या या भूल के कारण एक किस्त के भुगतान में देरी हुई है। इस स्थिति में बैंक ग्राहक को फोन कॉल या SMS के माध्यम से सूचित करता है और जल्द से जल्द बकाया राशि जमा करने के लिए कहता है। साथ ही बैंक EMI बाउंस होने पर शुल्क भी वसूलता है, जो अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकता है। यह शुल्क आमतौर पर 500 से 1000 रुपये के बीच होता है, जिसे बैंक ग्राहक के अकाउंट से काट लेता है या अगली किस्त के साथ जोड़ देता है।

दो किस्त बाउंस

यह भी पढ़े:
Property Rates Hike देश की इन 5 जगहों पर सोने से महंगी है जमीन, प्रोपर्टी खरीदने में बड़े बड़े पैसे वालों के छूट जाते हैं पसीने Property Rates Hike

जब कोई ग्राहक लगातार दूसरी EMI भी नहीं चुकाता है, तो बैंक थोड़ा सख्त रुख अपनाता है। इस स्थिति में बैंक ग्राहक को एक औपचारिक रिमाइंडर नोटिस भेजता है, जिसमें बकाया राशि और उस पर लगने वाले लेट पेमेंट शुल्क का विवरण होता है। इस नोटिस में बैंक ग्राहक को जल्द से जल्द बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहता है और साथ ही चेतावनी भी देता है कि अगर भुगतान नहीं किया गया तो आगे क्या कार्रवाई की जा सकती है। इस समय बैंक ग्राहक से संपर्क करके उसकी वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी भी लेता है और उसे भुगतान करने के लिए प्रेरित करता है।

तीन किस्त बाउंस

जब कोई ग्राहक लगातार तीसरी EMI भी नहीं चुकाता है, तो बैंक कार्रवाई के मूड में आ जाता है। इस स्थिति में बैंक ग्राहक को एक कानूनी नोटिस जारी करता है, जिसमें बकाया राशि का भुगतान करने के लिए एक निश्चित समय सीमा दी जाती है। यदि ग्राहक इस समय सीमा के भीतर भुगतान नहीं करता है, तो बैंक ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित कर देता है और लोन अकाउंट को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) के रूप में वर्गीकृत कर देता है। यह ग्राहक के क्रेडिट इतिहास पर बुरा प्रभाव डालता है और उसका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

यह भी पढ़े:
8th pay commission 1.92 होगा फिटमेंट फैक्टर, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में इतनी बढ़ौतरी 8th pay commission

आरबीआई के नियम

होम लोन एक सिक्योर्ड लोन है, जिसमें ग्राहक अपनी प्रॉपर्टी को बैंक के पास गिरवी रखता है। यदि ग्राहक लोन नहीं चुकाता है, तो बैंक उस प्रॉपर्टी को बेचकर अपने पैसे वसूल कर सकता है। हालांकि, आरबीआई के नियमों के अनुसार, बैंक को ग्राहक को पर्याप्त समय और मौका देना होता है। तीन किस्त बाउंस होने के बाद भी बैंक ग्राहक को आमतौर पर 2 महीने का अतिरिक्त समय देता है। यदि ग्राहक इस समय में भी लोन नहीं चुकाता है, तो बैंक प्रॉपर्टी के अनुमानित मूल्य के साथ एक नीलामी नोटिस भेजता है। इस नोटिस के मिलने के एक महीने तक ग्राहक के पास अपनी बकाया राशि का भुगतान करने का मौका होता है।

नीलामी

यह भी पढ़े:
property rights माता पिता की प्रोपर्टी में औलाद के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला property rights

यदि ग्राहक नीलामी नोटिस के बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है, तो बैंक प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर देता है। यह बैंक के लिए पैसे वसूलने का आखिरी उपाय होता है। नीलामी में प्रॉपर्टी बिक जाने के बाद, बैंक उससे प्राप्त राशि से अपना बकाया वसूल कर लेता है। यदि नीलामी से प्राप्त राशि, बकाया लोन राशि से अधिक है, तो बचे हुए पैसे ग्राहक को वापस कर दिए जाते हैं। लेकिन अगर नीलामी से प्राप्त राशि, बकाया लोन राशि से कम है, तो बैंक बाकी की राशि के लिए ग्राहक से अतिरिक्त भुगतान की मांग कर सकता है। इसलिए, नीलामी से बचने के लिए ग्राहक को हर संभव प्रयास करना चाहिए।

EMI बाउंस होने पर क्या करें?

अगर आप किसी कारण से अपनी होम लोन EMI का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, तो घबराएं नहीं। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण कदम है बैंक से संपर्क करना। अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में बैंक को बताएं और उनसे समझौते की संभावनाओं पर चर्चा करें। बैंक आपके होम लोन को पुनर्गठित कर सकता है, जिससे EMI की राशि कम हो सकती है या कुछ महीनों के लिए EMI टाली जा सकती है। हालांकि, इससे लोन की अवधि बढ़ जाएगी और आपको अधिक ब्याज चुकाना पड़ सकता है। यदि संभव हो, तो अपनी निवेश पॉलिसी, म्यूचुअल फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट से पैसे निकालकर EMI का भुगतान करें।

यह भी पढ़े:
tenant rights एक साल में ज्यादा से ज्यादा कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक, किराएदार जान लें अपने अधिकार tenant rights

रिकवरी एजेंट्स

कई बार देखा गया है कि जब ग्राहक लोन नहीं चुकाता है, तो बैंक या वित्तीय संस्थाएं रिकवरी एजेंट्स भेजते हैं। ये एजेंट्स कभी-कभी अनुचित तरीके से दबाव बनाते हैं, धमकाते हैं या परेशान करते हैं। लेकिन यह उनका अधिकार नहीं है। होम लोन की किस्त बाउंस होना एक सिविल विवाद है, और कानून के अनुसार, डिफॉल्टर के साथ कोई मनमानी नहीं की जा सकती। यदि आप ऐसी किसी स्थिति का सामना करते हैं, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें और शिकायत दर्ज कराएं। आप आरबीआई में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जो इस मामले में आपकी मदद करेगा।

होम लोन EMI का समय पर भुगतान

यह भी पढ़े:
E Shram Card Payment Status ई श्रम कार्ड 1000 रुपए की नई क़िस्त जारी, यहाँ से स्टेटस चेक करें E Shram Card Payment Status

होम लोन EMI से जुड़ी परेशानियों से बचने का सबसे अच्छा उपाय है EMI का समय पर भुगतान करना। इसके लिए आप कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं। जैसे, EMI के लिए स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन या ऑटो-डेबिट सुविधा का उपयोग करें, ताकि EMI की राशि हर महीने स्वचालित रूप से आपके अकाउंट से कट जाए। अपने बजट में EMI के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान रखें और अपने खर्चों को नियंत्रित करें। एक इमरजेंसी फंड बनाएं, जिससे आप आपातकालीन स्थिति में भी EMI का भुगतान कर सकें। अगर आपको लगता है कि आपकी वर्तमान EMI आपकी आय के अनुपात में ज्यादा है, तो बैंक से बात करके इसे कम करवाने की कोशिश करें।

होम लोन एक बड़ी वित्तीय जिम्मेदारी है, जिसे आसानी से नहीं लेना चाहिए। लोन लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें और यह सुनिश्चित करें कि आप नियमित रूप से EMI का भुगतान कर सकते हैं। EMI बाउंस होने से न केवल आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ता है, बल्कि आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है। याद रखें, अपने घर को बचाने का सबसे अच्छा उपाय है समय पर EMI का भुगतान करना और वित्तीय अनुशासन बनाए रखना। अगर आप किसी कारण से EMI का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें और अपनी समस्या साझा करें। ज्यादातर मामलों में, बैंक आपके साथ सहयोग करेगा और समाधान खोजने में मदद करेगा।

Disclaimer

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission रिटायर सरकारी कर्मचारियों को नए वेतन आयोग का लाभ मिलेगा या नहीं, वित्त मंत्री ने कर दिया साफ 8th Pay Commission

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसमें दी गई जानकारी सामान्य समझ के लिए है। होम लोन और उससे संबंधित नियम बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना उचित होगा। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी वित्तीय निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक से होम लोन से संबंधित सभी नियमों और शर्तों की पूरी जानकारी प्राप्त करें।

5 seconds remaining

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group