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इनकम टैक्स के नोटिस का जवाब नहीं देने पर क्या होगा एक्शन, टैक्सपेयर्स को पता होनी चाहिए ये जरूरी बात Income Tax Notice

By Meera Sharma

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Income Tax Notice

Income Tax Notice: इनकम टैक्स विभाग करदाताओं से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से नोटिस भेजता है। ये नोटिस विभिन्न कारणों से आ सकते हैं, जैसे आईटीआर में त्रुटियां, अपूर्ण जानकारी, या टैक्स और आय में अंतर। नोटिस प्राप्त होने पर उचित समय में प्रतिक्रिया देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कई करदाता अक्सर इस बात से अनजान होते हैं कि नोटिस का जवाब न देने पर क्या परिणाम हो सकते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आयकर विभाग के नोटिस का जवाब न देने पर क्या हो सकता है और इसका सही तरीके से जवाब कैसे दें।

नोटिस को समझना

आयकर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस में पूछे गए प्रश्नों को सही से समझना बहुत जरूरी है। कई बार करदाता नोटिस के प्रश्नों को ठीक से नहीं समझ पाते और गलत जवाब दे देते हैं, जो उनके लिए समस्या का कारण बन जाता है। सबसे पहले यह समझें कि नोटिस में क्या पूछा गया है, और उसी के अनुसार उचित जवाब तैयार करें। अगर आपको नोटिस समझने में कठिनाई हो रही है, तो किसी टैक्स सलाहकार या कानूनी विशेषज्ञ की सहायता लेना उचित रहेगा। वे आपको नोटिस के तकनीकी पहलुओं को समझाने में मदद कर सकते हैं और एक प्रभावी प्रतिक्रिया तैयार करने में सहायता दे सकते हैं।

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डिफेक्टिव आईटीआर पर नोटिस

जब आप आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते हैं और उसमें कोई त्रुटि या अपूर्ण जानकारी होती है, तो आयकर विभाग आयकर अधिनियम की धारा 139(9) के तहत नोटिस भेज सकता है। इस नोटिस को ‘डिफेक्टिव रिटर्न नोटिस’ कहा जाता है। यह नोटिस इसलिए भेजा जाता है ताकि आप अपनी आईटीआर में की गई गलतियों को सुधार सकें। ध्यान रखें कि डिफेक्टिव आईटीआर का मतलब है कि आपकी आईटीआर वैध नहीं मानी जाएगी, जिसका अर्थ है कि आप टैक्स रिफंड के लिए पात्र नहीं होंगे और आपको बकाया कर का भुगतान करने में देरी के लिए ब्याज और जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

नोटिस का जवाब देने की समय सीमा

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धारा 139(9) के तहत आयकर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब आपको 15 दिनों के भीतर देना होता है। इस अवधि में आप अपनी आईटीआर में गलतियों को सुधार कर फिर से जमा कर सकते हैं। अगर किसी अपरिहार्य कारण से आप इस समय सीमा के भीतर जवाब नहीं दे पाते हैं, तो आप आयकर विभाग के एसेसिंग ऑफिसर को एक आवेदन देकर समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप समय सीमा का पालन करें, क्योंकि देरी से जवाब देने या जवाब न देने पर विभाग कड़ी कार्रवाई कर सकता है।

डिफेक्टिव आईटीआर के कारण

आईटीआर को डिफेक्टिव माना जा सकता है अगर उसमें निम्न में से कोई भी कमी हो: चुकाए गए टैक्स की पूरी जानकारी न होना, टीडीएस क्लेम करना लेकिन संबंधित आय न दिखाना, आईटीआर में भरे गए टैक्स और वास्तविक इनकम में अंतर होना, अधूरी या गलत जानकारी देना, या अकाउंट की अपूर्ण जानकारी प्रदान करना। इन कारणों से आपकी आईटीआर डिफेक्टिव मानी जा सकती है और विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।

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नोटिस का जवाब न देने के परिणाम

अगर आप आयकर विभाग के नोटिस का जवाब नहीं देते हैं, तो विभाग आपके खिलाफ कई प्रकार की कार्रवाई कर सकता है। सबसे पहले, आपकी आईटीआर को अमान्य माना जा सकता है, जिसका अर्थ है कि आप किसी भी टैक्स रिफंड के लिए पात्र नहीं होंगे। दूसरा, विभाग आपके खिलाफ पेनल्टी और जुर्माना लगा सकता है। तीसरा, लगातार नोटिस का जवाब न देने पर विभाग आपके बैंक खातों को फ्रीज कर सकता है, आपकी संपत्ति को जब्त कर सकता है, या कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर सकता है। इसलिए, हमेशा नोटिस का जवाब समय पर और सही तरीके से देना सुनिश्चित करें।

नोटिस का सही जवाब कैसे दें?

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नोटिस का जवाब देते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें। सबसे पहले, नोटिस में पूछे गए सभी प्रश्नों का विस्तृत और स्पष्ट उत्तर दें। अपने जवाब के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज और प्रमाण संलग्न करें। सुनिश्चित करें कि आपका जवाब समय सीमा के भीतर विभाग तक पहुंच जाए। अगर आपको जवाब देने में कठिनाई हो रही है, तो एक योग्य टैक्स सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट की सहायता लें। वे आपको सही जवाब तैयार करने में मदद कर सकते हैं और आपके हितों की रक्षा कर सकते हैं।

टैक्स रिफंड और नोटिस का संबंध

अगर आपको आयकर विभाग से डिफेक्टिव आईटीआर का नोटिस मिलता है और आप उसका जवाब नहीं देते हैं, तो आपको टैक्स रिफंड नहीं मिलेगा। इसका कारण यह है कि डिफेक्टिव आईटीआर को वैध आईटीआर नहीं माना जाता है, और रिफंड केवल वैध आईटीआर पर ही दिया जाता है। इसलिए, अगर आप टैक्स रिफंड चाहते हैं, तो आपको नोटिस का जवाब देकर अपनी आईटीआर में की गई गलतियों को सुधारना होगा और एक वैध आईटीआर जमा करना होगा।

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आयकर विभाग के नोटिस को गंभीरता से लेना बहुत महत्वपूर्ण है। नोटिस का जवाब न देने पर आप कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर सकते हैं, जिसमें पेनल्टी, जुर्माना, या अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल है। इसलिए, हमेशा नोटिस को ध्यान से पढ़ें, उसमें पूछे गए प्रश्नों को समझें, और समय पर सही जवाब दें। अगर आपको नोटिस समझने या जवाब देने में कठिनाई हो रही है, तो एक योग्य टैक्स सलाहकार की सहायता लेना उचित रहेगा। याद रखें, टैक्स अनुपालन न केवल आपका कानूनी दायित्व है, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक होने का भी हिस्सा है।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और इसे कानूनी या टैक्स सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की टैक्स स्थिति अलग होती है, इसलिए अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के लिए हमेशा एक योग्य टैक्स सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट से परामर्श करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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