Property Documents: आज के समय में लगातार बढ़ती महंगाई और संपत्ति की कीमतों में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण लोगों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है। प्रॉपर्टी की खरीद जीवन के सबसे महंगे सौदों में से एक होती है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकती है। संपत्ति की खरीद में की गई छोटी सी गलती के कारण आपको न केवल आर्थिक नुकसान हो सकता है बल्कि कोर्ट कचहरी के चक्कर भी काटने पड़ सकते हैं।
संपत्ति खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
प्रॉपर्टी की खरीद करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। सबसे पहले संपत्ति की लोकेशन पर विचार करें क्योंकि अच्छी लोकेशन भविष्य में आपकी संपत्ति के मूल्य में वृद्धि सुनिश्चित करती है। संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज पूर्ण और सही होने चाहिए। विक्रेता की पूरी जानकारी प्राप्त करना और यह सुनिश्चित करना कि संपत्ति पर कोई विवाद न हो अत्यंत आवश्यक है। चाहे आप फ्लैट खरीद रहे हों मकान खरीद रहे हों या जमीन खरीद रहे हों हर प्रकार की संपत्ति की पूरी जांच पड़ताल करनी चाहिए।
धोखाधड़ी से बचने के उपाय
संपत्ति की खरीदारी में धोखाधड़ी से बचने के लिए सबसे पहले यह पता करें कि जमीन पर कोई कानूनी विवाद तो नहीं है। इसके लिए कानूनी विशेषज्ञों की सलाह ली जा सकती है। यदि आप किसी प्रोजेक्ट में फ्लैट या मकान खरीद रहे हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि वह प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत है। रेरा रियल एस्टेट का एक कानून है जो खरीदारों के हितों की रक्षा करता है और धोखाधड़ी से बचाव के लिए बनाया गया है।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची
प्रॉपर्टी टाइटल सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो विक्रेता के मालिकाना हक को प्रमाणित करता है। चेनल डॉक्यूमेंट से आप यह जान सकते हैं कि संपत्ति कितनी बार बेची गई है और उसका इतिहास क्या है। एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट से पता चलता है कि संपत्ति पर कोई लोन या बकाया टैक्स तो नहीं है। पजेशन लेटर बिल्डर द्वारा जारी किया जाता है जो संपत्ति पर कब्जे की तारीख को स्पष्ट करता है।
अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज
प्रॉपर्टी टैक्स की स्थिति की जांच करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बकाया टैक्स खरीदार के लिए समस्या बन सकता है। यूटिलिटी बिल और कार अलॉटमेंट लेटर की भी जांच करनी चाहिए। कार अलॉटमेंट लेटर में कार पार्किंग के बारे में जानकारी होती है। यदि आप प्रॉपर्टी डीलर के माध्यम से खरीद रहे हैं तो रेसीडेंट वेलफेयर से एनओसी अवश्य प्राप्त करें।
राज्यों के अलग अलग नियम
भारत के विभिन्न राज्यों में जमीन से संबंधित नियम कानून अलग अलग हैं। कई राज्यों में गैर कृषक कृषि भूमि नहीं खरीद सकते। कुछ राज्यों में बाहरी राज्यों के लोग भूमि नहीं खरीद सकते। इसलिए संपत्ति खरीदने से पहले उस राज्य के नियम कानूनों की जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए प्रदान की गई है। संपत्ति की खरीदारी से पहले कानूनी सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।