RBI New Rules For Cibil Score: भारतीय रिजर्व बैंक ने आम जनता के लिए एक राहत भरी खबर दी है। अब यदि किसी व्यक्ति के सिबिल स्कोर में बैंक या क्रेडिट कंपनी की गलती से कोई गड़बड़ी हो जाती है तो उसे मुआवजा मिलेगा। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए फायदेमंद है जो क्रेडिट स्कोर की गलत जानकारी की वजह से परेशान रहते हैं। आरबीआई का यह कदम ग्राहकों को बेहतर सेवा देने और उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान करने की दिशा में उठाया गया है।
सिबिल स्कोर का महत्व
सिबिल स्कोर आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। यह एक व्यक्ति के वित्तीय इतिहास को दर्शाता है और बैंक से लोन लेने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। अच्छा सिबिल स्कोर होने पर लोन आसानी से मिल जाता है जबकि खराब स्कोर की वजह से लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी बैंक या क्रेडिट कंपनियों की गलतियों की वजह से किसी का सिबिल स्कोर बिगड़ जाता है जिससे उस व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
नई नीति की जरूरत
आरबीआई ने महसूस किया कि बहुत से ग्राहक सिबिल स्कोर संबंधी समस्याओं से परेशान हैं। कई बार क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी अपडेट हो जाती है और जब ग्राहक इसे सही कराने की कोशिश करता है तो उसे महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए आरबीआई ने यह नया नियम बनाया है जिससे ग्राहकों को तुरंत न्याय मिल सके और उनकी समस्याओं का जल्दी समाधान हो सके।
मुआवजे का प्रावधान
नए नियम के अनुसार अब अगर किसी बैंक या क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी की गलती से ग्राहक का क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है तो उसे मुआवजा मिलेगा। बैंकों को अब किसी भी गलत क्रेडिट रिपोर्ट को 21 कार्य दिवसों के अंदर सही करना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो ग्राहक को प्रतिदिन 100 रुपये का मुआवजा देना होगा। इसी तरह क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को 9 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान करना होगा वरना उन्हें भी जुर्माना भरना पड़ेगा।
बैंकों की जिम्मेदारी
आरबीआई ने बैंकों और क्रेडिट कंपनियों की जिम्मेदारी तय की है कि वे ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर को लेकर सतर्क रहें। अगर किसी ग्राहक के क्रेडिट स्कोर में गलती हो जाती है तो उसे तुरंत सही करना होगा। इसके साथ ही ग्राहकों को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचित करना होगा ताकि वे अपनी क्रेडिट रिपोर्ट के बारे में जानकारी रख सकें। यह प्रक्रिया पहले की तुलना में अब अधिक तेज और पारदर्शी होगी।
पारदर्शिता का महत्व
आरबीआई ने एक और महत्वपूर्ण नियम लागू किया है जिसके तहत जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करे तो उसे इसकी जानकारी देनी होगी। यानी अगर आपका क्रेडिट स्कोर चेक किया जाता है तो आपको एसएमएस या ईमेल के माध्यम से इसकी जानकारी दी जाएगी। इससे ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर पर नजर रख सकेंगे और किसी भी गड़बड़ी को तुरंत पकड़ सकेंगे।
ग्राहकों को फायदा
इस नए नियम से ग्राहकों को बहुत बड़ा फायदा होगा। अब उन्हें अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में होने वाली गलतियों को सही कराने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। समस्या का समाधान तेजी से होगा और गलती की वजह से होने वाली परेशानी के लिए मुआवजा भी मिलेगा। यह नियम ग्राहकों को अधिक सुरक्षा प्रदान करता है और उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर तरीके से संभालने में मदद करता है।
आरबीआई का यह कदम वित्तीय पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल ग्राहकों को बेहतर सेवा मिलेगी बल्कि बैंकों और क्रेडिट कंपनियों को भी अपनी सेवाओं में सुधार करने की प्रेरणा मिलेगी। अब ग्राहकों को अपने अधिकारों के बारे में अधिक जागरूक होना चाहिए और किसी भी गलती की स्थिति में तुरंत शिकायत करनी चाहिए। यह नया नियम निश्चित रूप से आम जनता के हित में है और इससे बैंकिंग सेवाओं में सुधार आएगा।