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घर किराए पर लेने जा रहे हैं? रेंट एग्रीमेंट में इन 5 बातों का रखें खास ध्यान Rent Agreement

By Meera Sharma

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Rent Agreement

Rent Agreement: आज के समय में, खासकर बड़े शहरों में, किराए पर रहना अधिकांश लोगों की आवश्यकता बन गई है। नौकरी, पढ़ाई या अन्य कारणों से हम अक्सर अपना शहर छोड़कर नए स्थानों पर जाते हैं, जहां किराए का घर हमारा अस्थायी आशियाना बनता है। हालांकि, घर ढूंढना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है एक सही रेंट एग्रीमेंट (किराया समझौता) बनवाना। यह दस्तावेज़ महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आपकी सुरक्षा का प्रमाण पत्र है, जो आपको भविष्य में होने वाली अनेक समस्याओं से बचा सकता है।

मौखिक समझौते की सीमाएं

अक्सर हम मकान मालिक पर भरोसा करके मौखिक समझौते से ही घर किराए पर ले लेते हैं। यह सबसे बड़ी गलती हो सकती है। मौखिक समझौता भले ही आसान लगे, लेकिन अगर कभी विवाद होता है तो इसे साबित करना लगभग असंभव होता है। कोई भी पक्ष अपनी सुविधानुसार बातों को मोड़ सकता है। इसलिए हमेशा लिखित रेंट एग्रीमेंट बनवाएं, और वह भी स्टाम्प पेपर पर। यह न केवल कानूनी रूप से मान्य होगा, बल्कि न्यायालय में भी इसे प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। रजिस्टर्ड किराया समझौता आपको अधिक सुरक्षा प्रदान करता है और किसी भी संभावित विवाद में आपकी स्थिति मजबूत करता है।

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किराया, जमा राशि और अवधि

किराया समझौते में सबसे महत्वपूर्ण है किराये की राशि, सिक्योरिटी डिपॉजिट (जमा राशि) और किराये की अवधि का स्पष्ट उल्लेख। मासिक किराया कितना होगा, किराये का भुगतान किस तारीख तक करना होगा, और देरी होने पर क्या जुर्माना लगेगा, इन सभी बातों का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। साथ ही, जमा राशि की मात्रा और इसकी वापसी के नियम भी स्पष्ट होने चाहिए। किराये की अवधि, जो आमतौर पर 11 महीने की होती है, का भी उल्लेख अवश्य करें। अगर किराया बढ़ोतरी का प्रावधान है, तो उसके नियम और प्रतिशत भी स्पष्ट रूप से लिखे होने चाहिए, ताकि बाद में कोई भ्रम या विवाद न हो।

बिजली, पानी और रखरखाव

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किराये के घर में रहते हुए, एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है उपयोगिता बिलों और रखरखाव खर्चों का भुगतान। रेंट एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से यह लिखा होना चाहिए कि बिजली, पानी, गैस और इंटरनेट के बिल कौन भरेगा – मकान मालिक या किरायेदार? इसके अलावा, सोसाइटी मेंटेनेंस चार्ज, सफाई शुल्क, और अन्य नियमित खर्चों के भुगतान का दायित्व भी स्पष्ट होना चाहिए। अगर मीटर साझा है, तो बिलों के विभाजन का तरीका भी पहले से तय कर लें। कई बार इन छोटी-छोटी बातों से बड़े विवाद खड़े हो जाते हैं, इसलिए शुरू में ही सभी जिम्मेदारियों को स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है।

मरम्मत और नुकसान

किराये के घर में रहते समय छोटी-मोटी मरम्मत और कभी-कभी बड़ी समस्याएं भी आ सकती हैं। नल टपकना, बिजली की समस्या, दीवारों में दरार, या अन्य संरचनात्मक समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी किसकी होगी, यह स्पष्ट होना चाहिए। आमतौर पर, छोटी मरम्मत किरायेदार की जिम्मेदारी होती है, जबकि बड़ी संरचनात्मक समस्याएं मकान मालिक को हल करनी होती हैं। इसके अलावा, अगर किरायेदार की लापरवाही से घर को कोई नुकसान पहुंचता है, जैसे दीवारों पर बिना अनुमति के पेंटिंग करना या फर्नीचर को खराब करना, तो उसकी भरपाई का तरीका भी स्पष्ट होना चाहिए। इन बातों को एग्रीमेंट में शामिल करने से भविष्य में होने वाले विवादों से बचा जा सकता है।

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एग्जिट क्लॉज़ और नोटिस अवधि

किराया समझौते में अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है एग्जिट क्लॉज़ या समझौता समाप्ति के नियम। यह क्लॉज़ बताता है कि अगर किरायेदार बीच में ही घर छोड़ना चाहता है या मकान मालिक किरायेदार को निकालना चाहता है, तो क्या प्रक्रिया अपनानी होगी। इसमें नोटिस अवधि (आमतौर पर एक या दो महीने) का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। साथ ही, अगर समझौते की अवधि पूरी होने से पहले किरायेदार घर छोड़ता है, तो क्या जमा राशि से कुछ कटौती होगी या पूरी राशि वापस मिलेगी, इसका भी उल्लेख होना चाहिए। एग्जिट क्लॉज़ की स्पष्टता से दोनों पक्षों को समझौता समाप्त करने में आसानी होती है और अनावश्यक विवादों से बचा जा सकता है।

मकान मालिक और किरायेदार के पहचान प्रमाण

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रेंट एग्रीमेंट में मकान मालिक और किरायेदार दोनों के पहचान और पते के प्रमाण का विवरण होना चाहिए। इसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी या पासपोर्ट जैसे सरकारी दस्तावेज़ों का उल्लेख किया जा सकता है। यह जानकारी न केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि समझौते में शामिल दोनों पक्ष वैध और वास्तविक हैं। इसके अलावा, अगर भविष्य में कोई विवाद होता है, तो इन पहचान प्रमाणों के आधार पर संपर्क स्थापित किया जा सकता है। किरायेदारों के लिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि मकान मालिक वास्तव में उस संपत्ति का मालिक है या नहीं, इसलिए संपत्ति के स्वामित्व का प्रमाण भी देखना चाहिए।

फर्नीचर और अन्य सामान का ब्यौरा

अगर आप फर्निश्ड या सेमी-फर्निश्ड घर किराए पर ले रहे हैं, तो घर में मौजूद सभी फर्नीचर और उपकरणों की एक विस्तृत सूची बनाकर उसे एग्रीमेंट के साथ संलग्न करें। इस सूची में हर वस्तु की स्थिति (नई, पुरानी, खराब) का भी उल्लेख करें। यह सूची घर छोड़ते समय बहुत काम आती है, क्योंकि इससे यह साबित होता है कि आपने किस स्थिति में सामान प्राप्त किया था और किस स्थिति में वापस कर रहे हैं। इससे मकान मालिक द्वारा अनुचित कटौती या आरोप से बचा जा सकता है। अगर संभव हो तो सभी सामानों की तस्वीरें भी खींच लें और उन्हें संरक्षित रखें।

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किराये के भुगतान का तरीका

रेंट एग्रीमेंट में किराये के भुगतान के तरीके का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। आजकल डिजिटल भुगतान आम हो गया है, इसलिए बैंक ट्रांसफर या UPI के माध्यम से भुगतान करना सबसे सुरक्षित विकल्प है। इससे भुगतान का रिकॉर्ड भी बना रहता है, जो भविष्य में प्रमाण के रूप में काम आ सकता है। अगर नकद भुगतान करना है, तो हमेशा रसीद लेना सुनिश्चित करें। एग्रीमेंट में यह भी उल्लेख करें कि लेट पेमेंट के क्या परिणाम होंगे, जैसे जुर्माना या अन्य कोई शर्त, ताकि दोनों पक्ष अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें।

रेंट एग्रीमेंट का महत्व

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रेंट एग्रीमेंट केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह आपकी सुरक्षा का आधार है। एक अच्छे एग्रीमेंट से न केवल कानूनी सुरक्षा मिलती है, बल्कि यह मन की शांति भी देता है। मकान मालिक और किरायेदार के बीच स्पष्ट समझौता होने से दोनों पक्षों के अधिकार और कर्तव्य निर्धारित होते हैं, जिससे किसी प्रकार के गलतफहमी या विवाद की संभावना कम हो जाती है। इसलिए, चाहे आप एक छोटे कमरे में रह रहे हों या बड़े बंगले में, एक सही रेंट एग्रीमेंट बनवाना हमेशा फायदेमंद रहता है।

घर किराए पर लेना एक महत्वपूर्ण निर्णय है और रेंट एग्रीमेंट इस प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए। मौखिक समझौतों से हमेशा बचें, चाहे मकान मालिक कितना भी भरोसेमंद क्यों न हो। याद रखें, एक अच्छा रेंट एग्रीमेंट दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होता है और भविष्य में होने वाले विवादों से बचाता है। इसलिए, थोड़ा समय और प्रयास लगाकर एक विस्तृत और स्पष्ट एग्रीमेंट बनवाएं। और अंत में, हमेशा एग्रीमेंट की एक प्रति अपने पास सुरक्षित रखें, क्योंकि यह आपका सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जब आप किराए के घर में रह रहे हों।

Disclaimer

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यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किराया समझौते से संबंधित नियम और प्रावधान राज्य और स्थानीय कानूनों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, अपने विशिष्ट मामले के लिए हमेशा एक योग्य कानूनी सलाहकार से परामर्श करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के परिणामों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। किराया समझौता बनवाते समय, स्थानीय कानूनों और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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