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Bank Locker से कीमती सामान चोरी होने पर कितना मिलेगा मुआवजा, जान लें RBI के नियम​​​​​​​ the rules of RBI

By Meera Sharma

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the rules of RBI

the rules of RBI: आज के डिजिटल युग में बैंक खाता हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो गया है। बैंक में खाता खोलने पर ग्राहकों को अनेक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जिनमें बैंक लॉकर एक महत्वपूर्ण सुविधा है। बैंक लॉकर ग्राहकों को अपने कीमती सामान जैसे गहने, महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य मूल्यवान वस्तुओं को सुरक्षित रखने का विकल्प प्रदान करता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने लॉकर की सुरक्षा और उपयोग के लिए कई नियम बनाए हैं जिनका पालन करना हर ग्राहक के लिए आवश्यक है।

लॉकर का उपयोग और सुविधाएं

बैंक लॉकर प्राप्त करने के लिए ग्राहकों को एक निश्चित वार्षिक शुल्क देना होता है जो अलग-अलग बैंकों में भिन्न-भिन्न होता है। ग्राहक अपनी आवश्यकता के अनुसार व्यक्तिगत या संयुक्त लॉकर ले सकते हैं। संयुक्त लॉकर के लिए दोनों ग्राहकों को बैंक में जाकर संयुक्त मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर करने होते हैं। बैंक लॉकर के लिए नॉमिनी भी नियुक्त किया जा सकता है जिसे लॉकरधारक की मृत्यु के बाद वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने पर लॉकर खोलने और सामान निकालने की अनुमति मिलती है।

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लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार लॉकर में सभी प्रकार के कीमती गहने, प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज, ऋण संबंधी कागजात, जन्म या विवाह प्रमाणपत्र, बीमा पॉलिसी और अन्य कानूनी वैध वस्तुएं रखी जा सकती हैं। हालांकि, नकदी और करेंसी को लॉकर में रखना प्रतिबंधित है। इसके अलावा हथियार, गोला-बारूद, ड्रग्स, विस्फोटक पदार्थ, प्रतिबंधित सामग्री, सड़ने-गलने वाली वस्तुएं या रेडियोएक्टिव पदार्थ लॉकर में रखना पूर्णतया निषिद्ध है। ऐसी वस्तुओं को लॉकर में रखने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

आरबीआई के नए नियम

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भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022 में सेफ डिपॉजिट लॉकर के लिए नए नियम जारी किए थे जो जनवरी 2023 से पुराने लॉकरधारकों और जनवरी 2022 से नए ग्राहकों पर लागू हो चुके हैं। इन नए नियमों के अनुसार ग्राहकों के साथ स्टांप पेपर पर नया लॉकर एग्रीमेंट करना अनिवार्य हो गया है। नियमों के अनुसार बैंक अधिकतम तीन वर्ष तक का किराया एक साथ ले सकते हैं। बैंकों को खाली लॉकर और प्रतीक्षा सूची की जानकारी भी प्रदान करनी होती है ताकि ग्राहकों को सुविधा मिल सके।

नुकसान होने पर मुआवजा व्यवस्था

यदि बैंक की लापरवाही या सुरक्षा में चूक के कारण लॉकर में रखे सामान को नुकसान पहुंचता है तो बैंक को मुआवजा देना होता है। आग, चोरी, डकैती या इमारत गिरने जैसी घटनाओं के लिए बैंक जिम्मेदार होता है और उसे नुकसान का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ या भूकंप के कारण हुए नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होता है और इसके लिए कोई मुआवजा नहीं दिया जाता।

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मुआवजे की राशि का निर्धारण

यदि बैंक की लापरवाही के कारण लॉकर में रखे सामान को नुकसान होता है तो बैंक द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की अधिकतम राशि वार्षिक किराए के 100 गुना तक हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी लॉकर का वार्षिक किराया 1000 रुपये है, तो अधिकतम मुआवजा 1 लाख रुपये तक हो सकता है। इसलिए अत्यधिक मूल्यवान वस्तुओं के लिए अतिरिक्त बीमा कराना उचित होगा।

प्रभावी सुरक्षा के लिए सुझाव

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लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा के लिए ग्राहकों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। नियमित रूप से लॉकर की जांच करें, महत्वपूर्ण वस्तुओं की सूची रखें और उनका फोटोग्राफिक रिकॉर्ड भी रखें। अत्यधिक मूल्यवान वस्तुओं के लिए अतिरिक्त बीमा कराएं। लॉकर तक पहुंच के दौरान गोपनीयता बनाए रखें और अपनी चाबी को सुरक्षित स्थान पर रखें।

अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। अधिक जानकारी के लिए अपने बैंक से संपर्क करें या आरबीआई की आधिकारिक गाइडलाइन देखें।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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